भारतीय रसोई में दालों का अहम स्थान है और उनमें भी काली उड़द दाल न केवल स्वाद बल्कि स्वास्थ्य लाभ के लिए भी एक अनमोल खजाना मानी जाती है। प्रोटीन, आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-6, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर यह दाल सेहत के लिए कई स्तरों पर लाभकारी है।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, काली उड़द दाल ऊर्जा बढ़ाने, पाचन सुधारने और समग्र स्वास्थ्य बनाए रखने में सहायक है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम और पोटैशियम हृदय को स्वस्थ रखने और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। वहीं यह तंत्रिका तंत्र को मजबूत करती है, जिससे तनाव और चिंता कम होते हैं।
इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है जो पाचन तंत्र को सुधारता है और कब्ज की समस्या से राहत दिलाता है। यह चयापचय को बढ़ाकर पूरे दिन ऊर्जा स्तर को बनाए रखने में भी सहायक है।
आयुर्वेद में काली उड़द को औषधीय गुणों से युक्त माना गया है। इसकी ठंडी तासीर के चलते यह सिरदर्द, नकसीर, बुखार, लिवर सूजन, जोड़ों के दर्द और अल्सर जैसी बीमारियों में फायदेमंद है। यह सूजन कम करने के साथ-साथ प्रजनन स्वास्थ्य को भी बेहतर करती है और किडनी से विषैले पदार्थ निकालने में सहायता करती है।
कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर होने के कारण यह हड्डियों और मांसपेशियों को भी मजबूती देती है। यही नहीं, यह रक्त शुद्धि में भी उपयोगी मानी जाती है।
हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट चेतावनी देते हैं कि इसका अधिक सेवन वात दोष, अपच, या पेट फूलने जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए संयमित मात्रा में और अपनी शारीरिक स्थिति के अनुसार ही इसका सेवन करें।
काली उड़द दाल को कई स्वादिष्ट रूपों में खाया जा सकता है — दाल, खिचड़ी, वड़ा, डोसा या पापड़ के रूप में। जब इसे हल्के मसालों और देसी घी के साथ पकाया जाता है, तो इसका स्वाद और पोषण दोनों दोगुना हो जाता है।
संक्षेप में, काली उड़द की दाल स्वाद और सेहत दोनों का अद्भुत मेल है, जो नियमित आहार में जरूर शामिल किया जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें:
मानसून सत्र में SIR पर विपक्ष का हंगामा, वापस लेने की मांग !
युवती का पीछा कर जबरन होंठ काटने वाला मुहम्मद मारूफ शरीफ गिरफ्तार!
भारत ने सफलतापूर्वक किया ULPGM-V3 का परीक्षण, ड्रोन से लॉन्च होने वाली मिसाइल से बढ़ी सटीकता!



