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Friday, December 12, 2025
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वैज्ञानिकों को मात देकर,इस मंदिर का रहस्य है अनसुलझा, करता है सटीक भविष्यवाणी

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कानपुर। भारत में कुछ ऐसी चीजें हैं जो अपने आप में रहस्य समेटा हुए हैं। उनके रहस्यों की वैज्ञानिक आधार पर परीक्षण -निरक्षण किया जा चुका है लेकिन कोई कुछ कहा पाने में असमर्थ नजर आता है। ऐसा ही अपने रहस्यों के लिए और मौसम की सटीक जानकारी देने के लिए प्रसिद्ध भीतरगांव का जगन्नाथ मंदिर है। इस मंदिर में बारिश से पहले ही गुंबद से पानी टपकता है, जिसके आधार पर मंदिर के पुजारी यह बताते हैं कि इस बार बारिश भारी होगी की कमजोर।

बता दें कि पुरातत्व विभाग के संरक्षण में जगन्नाथ मंदिर में मानसून आने के कुछ दिन पहले ही मंदिर के गुंबद में जड़े पत्थर से बूंदें टपकती हैं। इन बूदों के आकार को देखकर मंदिर के पुजारी बारिश की भविष्यवाणी करते हैं। इस मंदिर के पुजारी पं. केपी शुक्ला ने कहा कि मंदिर के गुंबद से दो दिन से छोटी बूंदें टपक रही हैं। यह बारिश कम होने के संकेत हैं। इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ की मूर्तियों के अलावा एक सूर्य देवता की छवि और एक चट्टान पर नक्काशीदार भगवान विष्णु की मूर्ति है। अनसुलझे रहस्य के साथ यह मंदिर आसपास के किसानों में काफी चर्चित है।

इस मान्यता को वैज्ञानिक आधार पर परखने के लिए देश-विदेश के वैज्ञानिकों की टीमें भी निरीक्षण कर चुकी हैं, पर बिना बारिश के अंदर बूंदें टपकने का रहस्य अनसुलझा है। वैज्ञानिक पानी के टपकने के रहस्य का पता नहीं लगा पाए। वैज्ञानिकों का कहना है कि मंदिर के डिजाइन गहन जांच पड़ताल होने पर इसका पता चल पायेगा।

भीतरगांव ब्लॉक के बेहटा बुजुर्ग गांव में स्थित इस जगन्नाथ मंदिर का देखभाल पुरातत्व विभाग करता है। वहीं,मंदिर के पुजारी केपी शुक्ला कहते हैं कि इस मंदिर सेवा करते मेरी उनकी सात पीढ़ियां गुजर गईं। अभी तक बूदों के आधार पर जो भविष्यवाणी की गई वह सटीक पाई गई हैं। इस मंदिर में आसपास के किसानों को अटूट विश्वास है। क्षेत्र के किसानों में बारिश के पूर्वानुमान की जानकारी देने के लिए काफी लोकप्रिय है।

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