मुंबई। मुंबई में उद्योगति मुकेश अंबानी के आवास के बाहर एक कार में विस्फोटक पाए जाने और कारोबारी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में गिरफ्तार मनीष सोनी ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक विशेष अदालत में जमानत याचिका दाखिल की है और दावा किया है कि उसकी न्यायिक हिरासत ‘गैरकानूनी’ है। सोनी के वकील ने बुधवार को यह जानकारी दी। सोनी को इस मामले में 17 जून को गिरफ्तार किया गया था।
उसके साथ सतीश मोथकुरी तथा ‘‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’’ रह चुके प्रदीप शर्मा को भी गिरफ्तार किया गया था। एनआईए ने सोमवार को विशेष अदालत को बताया कि सोनी को मजिस्ट्रेट की अदालत ने ‘‘असावधानी वश’’ न्यायिक हिरासत में भेज दिया था,जहां वह अपने बयान दर्ज कराने गया था। सोनी के वकील राहुल अरोटे ने कहा कि हिरासत ‘गैरकानूनी’’ है क्योंकि आरोपी को विशेष अदालत में पेश किए बगैर हिरासत में जेल भेज दिया गया था।
अरोटे ने कहा,‘‘ इस आधार पर अर्जी दी गई है कि उसे (मजिस्ट्रेट) अदालत ने गैरकानूनी तरीके से हिरासत में भेज दिया था। इसलिए जमानत का अनुरोध किया जाता है।’’ एनआईए ने पूर्व में अदालत को बताया था कि सोनी और मोथकुरी ने कथित तौर पर हिरन की हत्या करके अन्य आरोपी की मदद से शव को ठिकाने लगा दिया था। उसने कहा था कि यह हत्या एक लंबी साजिश का हिस्सा थी जिसे पूर्व पुलिसकर्मी सचिन वाजे और प्रदीश शर्मा के इशारे पर अंजाम दिया गया था। वाजे और शर्मा के अलावा पुलिसकर्मी रियाजुद्दीन काजी और सुनील माने को विस्फोटक मिलने के मामले में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उन्हें पुलिस सेवा से निलंबित कर दिया गया था। एनआईए ने पूर्व पुलिस कांस्टेबल विनायक शिंदे और क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गोर को भी मामले में गिरफ्तार किया था। ये सभी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।