मिश्री का पूजा पाठ में काफी उपयोग किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में मिश्री का संबंध शुक्र ग्रह माना जाता है। इसके साथ ही कहा जाता है कि इसके सेवन से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। मिश्री का नियमित सेवन करने से आवाज सुरीली और मधुर होती है।आइये जानते है मिश्री का उपयोग करने से क्या फायदा होता है।
खाना खाने के बाद रोजाना मिश्री का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है। इससे वाणी में मधुरता आती है। इससे शुक्र ग्रह की दशा में भी सुधार होता है। जिससे वैवाहिक जीवन पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। माता लक्ष्मी को मिसरी काफी प्रिय है। माता लक्ष्मी को रोजाना मिश्री का भोग लगाने से घर में खुशहाली बढ़ती है और साथ ही आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है। मिसरी का बुरादा बनाकर उसे आटे में मिला लें और शनिवार को काली चीटियां जहां हों उसे वहां रख दें। इससे शनि की बुरी दृष्टि दूर होती है।
इससे बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं। बुधवार के दिन थोड़ा सा कपूर और मिसरी लें और दोनों चीजों को एक साथ दान करें। इसके साथ ही थोड़ा सा कपूर जलाकर उस पर मिसरी के कुछ दाने डाल दें। ऐसा करने से आपको नौकरी पाने में सफलता मिल सकती है। भगवन श्री श्रीकृष्ण को माखन का प्रसाद में होना जरूरी भी है। इसलिए कन्हैया को माखन मिश्री का भोग चढ़ाया जाता है। अगर खट्टी डकार या पेट में जलन है तो सौंफ और मिश्री का सेवन करने से यह समस्या दूर हो जाती है। मिश्री पेट को ठंडक पहुंचाती है।
इससे बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं। बुधवार के दिन थोड़ा सा कपूर और मिसरी लें और दोनों चीजों को एक साथ दान करें। इसके साथ ही थोड़ा सा कपूर जलाकर उस पर मिसरी के कुछ दाने डाल दें। ऐसा करने से आपको नौकरी पाने में सफलता मिल सकती है। भगवन श्री श्रीकृष्ण को माखन का प्रसाद में होना जरूरी भी है। इसलिए कन्हैया को माखन मिश्री का भोग चढ़ाया जाता है। अगर खट्टी डकार या पेट में जलन है तो सौंफ और मिश्री का सेवन करने से यह समस्या दूर हो जाती है। मिश्री पेट को ठंडक पहुंचाती है।