नई दिल्ली। कोरोना की वैक्सीन लेने के बाद मिलने वाले वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर क्यों होती है। इसकी वजह भी सामने आई है। राज्यसभा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री भारती पवार ने बताया कि वैक्सीन सर्टिफिकेट पीएम की तस्वीर जनता में जागरूकता लाने के लिए लगाई गई है। बता दें कि वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम की तस्वीर होने पर विपक्ष कई बार सवाल खड़ा चुका है। इतना ही नहीं कई राज्यों के मुख्यमंत्री अपनी तस्वीर लगा कर सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं।
दरअसल राज्यसभा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री भारती पवार से पूछा गया था कि क्या कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीरें छापना जरूरी और अनिवार्य है? इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों का प्रारूप स्टैंडर्ड के मुताबिक हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दिशानिर्देशों के मुताबिक है। उन्होंने कहा, टीकाकरण प्रमाणपत्रों में प्रधानमंत्री की तस्वीर के साथ उनका संदेश व्यापक जनहित में टीकाकरण के बाद भी कोविड-19 के उचित व्यवहार का पालन करने के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करता है। यह सुनिश्चित करना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि इस तरह के महत्वपूर्ण संदेशों को लोगों तक सबसे प्रभावी तरीके से प्रसारित किया जाए।
मंत्री ने कहा, ”सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश कोविड -19 टीकाकरण के लिए कोविन एप्लिकेशन का उपयोग कर रहे हैं और टीकाकरण प्रमाण पत्र कोविन के माध्यम से एक मानक प्रारूप में तैयार किए जाते हैं।” इससे पहले वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया था। ऐसे में जब राज्य केंद्र से वैक्सीन खरीद रहे थे, तब कई राज्य सरकारों ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों की तस्वीरों के साथ वैक्सीन सर्टिफिकेट जारी किए।