लखनऊ। उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में कुछ ही महीने शेष हैं, ऐसे में राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि पार्टी उन्हें एक बार फिर मुख्यधारा की राजनीति में लाना चाहती हैं और यूपी चुनाव में उनकी भूमिका अहम हो सकती है। बेबी रानी मौर्य दलित समुदाय से आती हैं, इसलिए भाजपा उनका इस्तेमाल बसपा के खिलाफ कर सकती हैं। बेबी रानी मौर्य ने दलितों को भाजपा के साथ लाने के लिए काफी काम भी किया था।
पार्टी ने उन्हें अनुसूचित जाति शाखा का पदाधिकारी 1997 में नियुक्त किया था, बेबी रानी मौर्य ने कुछ दिन पहले ही गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, उसके बाद से ही यह चर्चा चल रही थी कि बेबी रानी मौर्य यूपी चुनाव में भाजपा की उम्मीदवार हो सकती हैं। यूपी चुनाव में इस बार मायावती सोशल इंजीनियरिंग के सहारे उतर रही हैं। उन्होंने ब्राह्मणों को रिझाने के लिए प्रबुद्ध सम्मेलन का सहारा लिया है, मायावती को कमजोर करने के लिए भाजपा ने एक बार दलित कार्ड खेला है और बेबी रानी मौर्य को मैदान में उतारने का मन बना रही है। यूपी चुनाव के लिए सभी दलों ने कमर कस ली है।