पीएम मोदी का आज 17 सितंबर को जन्मदिवस है। नरेंद्र मोदी राजनीति के शीर्ष पर पहुंचने वाला उन चुनिंदा राजनेताओं में से हैं, जिन्होंने अपना सफर एक कार्यकर्ता के रूप में शुरू किया फिर गुजरात के मुख्यमंत्री बने और अब प्रधानमंत्री हैं। 2001 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री चुने गए थे। तब से लेकर आज तक मोदी के नाम का मैजिक पहले गुजरात में दिखाई पड़ता था अब पूरे देश में दिखाई दे रहा है। PM मोदी के नेतृत्व में देश ने सात वर्षों में स्वच्छ, भ्रष्टाचारमुक्त, निर्णयकारी और पारदर्शी शासन का एक ऐसा मॉडल महसूस किया है, जिसमें जन अभिव्यक्ति तथा उसकी आशाओं एवं आकांक्षाओं को सुना जाता है। सरकार की हर योजना में राष्ट्रहित, समाजहित तथा जनहित को प्राथमिकता देकर उन्होंने सर्वस्पर्शी तथा सर्वांगीण विकास की मजबूत बुनियाद स्थापित की है।
स्वच्छता आज सिर्फ एक सरोकारी विषय नहीं है, बल्कि एक जनांदोलन बन चुका है। एक सफल नेतृत्वकर्ता के रूप में प्रधानमंत्री मोदी ने इसे प्रतीकों से जोड़ते हुए परिणाम में बदलने का काम किया है। गरीबों, वंचितों की पीड़ा को समझते हुए ‘गरीब कल्याण’ को प्राथमिकता में रखना सरकार की संवेदनशीलता का परिचायक है। जब 2014 में नरेंद्र मोदी सत्ता में आये, तब करोड़ों गरीबों के बैंक खाते तक नहीं थे,प्रधानमंत्री जन-धन योजना लाए। इस योजना के तहत लगभग 43 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं।
मोदी सरकार ने देश निर्माण में देशवासियों की भागीदारी को बल देने का काम किया है। ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के संकल्प के साथ आगे बढ़ी यह विकास यात्रा आज ‘सबका प्रयास’ के पड़ाव तक पहुंची है, तो इसके पीछे जनता का अपने नेतृत्व पर कायम अपार भरोसा ही कारण है। देश बढ़ेगा, तो देशवासी आगे बढ़ेंगे, देश तब बढ़ेगा, जब सर्वसमाज की क्षमता को अवसर मिलेगा। सबको अवसर तब मिलेगा, जब सरकार देशवासियों पर विश्वास करे। इसी में ‘सबका प्रयास’ अंतर्निहित है। जनहित के बदलाव इसी कारण संभव हो रहे हैं।
मोदी सरकार ने महिलाओं के जीवन स्तर में बेहतरी के लिए उनके जीवन से जुड़ी उन बुनियादी समस्याओं की पहचान की, जिस पर दशकों तक सरकारों का ध्यान नहीं गया। उज्ज्वला योजना के तहत धुंआ मुक्त रसोई की परिकल्पना को घर-घर तक ले जाने की सोच इसी का हिस्सा है। इस योजना में गरीब परिवारों को 8 करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य तय किया गया था, जिसे पूरा कर लिया गया है। गांवों के विद्युतीकरण का कार्य भी इसी प्रकार हुआ। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सदी की सबसे बड़ी आपदा से जूझते हुए भी विकास और जनकल्याण के नये अध्याय लिखने की दिशा में अग्रसर है। विश्व पटल पर भारत की स्थिति यदि मजबूत हुई है, तो इसके पीछे प्रधानमंत्री मोदी का लोकप्रिय नेतृत्व ही कारण है।
‘मोदी है तो मुमकिन है’ के नारे को योगी आदित्यनाथ ने गढ़ा था, जब उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के दूरदराज के गांवों में 8 करोड़ गैस सिलेंडर… इतना ही नहीं एलईडी बल्ब और उत्तर भारत के प्रत्येक घर में नल से जल योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया। उनकी डिजिटीलीकरण कैशलेस व्यवस्था कोरोना महामारी के दौरान खूब काम आई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शासन और राजनीति की एक नई शैली ईजाद की है। 2019 लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करने के बाद मोदी ने प्रधामंत्री के तौर पर 7 साल पूरे कर लिये हैं। सात साल से भी कम समय में नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में बहुत सारे बदलाव किए। इनमें से एक नए संसद भवन के रूप में न्यू सेंट्रल विस्टा सरकार इमारत का निर्माण कराना भी शामिल है। मोदी ने गंगा को मां गंगा (नदियों की मां) के रूप में वर्णित किया है। आज विरासतों का शहर वाराणसी पूरी तरह से बदल गया है।