अयोध्या। राम मन्दिर निर्माण में राम भक्तों द्वारा दी गई 2 लाख ईटों का इस्तेमाल किया जाएगा। बता दें कि राम भक्तों और विश्व हिन्दू परिषद द्वारा लंबे समय से चलाये गए मंदिर आंदोलन के लिए जमा की गई दो लाख ईटों को राम जन्म भूमि पर बनाये जा रहे भव्य राम मंदिर में इस्तेमाल किया जाएगा। मंदिर ट्रस्ट के सदस्त अनिल मिश्रा ने बताया कि कारसेवकों द्वारा एक लाख पत्थर राम जन्म भूमि और दो लाख पुराणी कार्यशाला में में रखें गए हैं। जिनका उपयोग मंदिर निर्माण में किया जाएगा।
इस बीच राम मंदिर की नींव के पूरा होने के बाद राम जन्मभूमि स्थल पर निर्माण का दूसरा चरण शुरू हो गया है। पहली बार प्लिंथ के निर्माण के लिए कर्नाटक-तमिलनाडु सीमा पर जंगली कोल्लेगल क्षेत्र में खदानों से काले ग्रेनाइट पत्थरों को भेजा जा रहा है। मिर्जापुर से मूर्तिकला पत्थर और राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से गुलाबी संगमरमर भी लाया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक श्री रामजन्मभूमि मंदिर की नींव के निर्माण का काम सोमवार को पूरा हो चुका है। अब इस पर कृत्रिम चट्टाननुमा नींव पर राफ्ट के मजबूत फाउंडेशन का निर्माण जल्द ही शुरू होगा। चर्चा है कि मंदिर आंदोलन के शिलापूजन कार्यक्रम के दौरान देश-विदेश में पूजित लाखों की संख्या में राम शिलाओं को नींव का हिस्सा बनाने पर विचार विमर्श हो रहा है।
कारण यही है कि इससे मंदिर निर्माण के आंदोलन से जुड़े लाखों राम भक्तों की भावनाओं को समाहित किया जा सकेगा। मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्त के मुताबिक लकड़ी के सांचे बनाकर राफ्ट की ढ़लाई होगी, जो नींव के प्लेटफॉर्म पर बनने वाले मुख्य मंदिर को बेहद मजबूती प्रदान करेगी। राफ्ट के फाउंडेशन की मोटाई डेढ़ मीटर की होगी जिसे पूरा करने में करीब 50 दिन लगने का अनुमान है।
कारण यही है कि इससे मंदिर निर्माण के आंदोलन से जुड़े लाखों राम भक्तों की भावनाओं को समाहित किया जा सकेगा। मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्त के मुताबिक लकड़ी के सांचे बनाकर राफ्ट की ढ़लाई होगी, जो नींव के प्लेटफॉर्म पर बनने वाले मुख्य मंदिर को बेहद मजबूती प्रदान करेगी। राफ्ट के फाउंडेशन की मोटाई डेढ़ मीटर की होगी जिसे पूरा करने में करीब 50 दिन लगने का अनुमान है।