मुंबई। ठाणे जिले के कलवा में एक निवासी को डॉक्टर और नर्स ने कोरोना वैक्सीन के बजाय एंटी-रेबीज वैक्सीन दे दिया।ठाणे नगर निगम ने इस गड़बड़ी को माना है। केंद्र में तैनात डॉक्टर और नर्स को सस्पेंड कर दिया गया है। निगम अनुसार जिस व्यक्ति को रेबीज वैक्सीन लगी है उसकी जहालत स्थिर है।
टीएमसी के अतिरिक्त नगर आयुक्त संदीप मालवी ने कहा, “संबंधित रोगी, राजकुमार यादव, कलवा पूर्व में एटकोनेश्वर नगर प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र में कोविशील्ड वैक्सीन के बारे में पूछताछ करने गए थे। केंद्र की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ राखी तावड़े ने उन्हें कोविशील्ड वैक्सीन के लिए केस पेपर दिए और उन्हें कतार में इंतजार करने को कहा।” प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अटकोनेश्वर और आसपास की मलिन बस्तियों की अन्य सभी स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का इलाज करता है। यह कोविड के अलावा अन्य टीकों का भी प्रबंध करता है। मालवी ने कहा, “यादव गलती से गए और एआरवी के लिए लगी एक कतार में बैठ गए।
जब टीका लेने की बारी आई, तो संबंधित नर्स कीर्ति रयात ने उनके केस के कागजात की जांच नहीं की और न ही टीके की खुराक के बारे में बताया। उसने मान लिया कि वह एआरवी शॉट के लिए वहां है और उसे वह टीका लगा दिया।
नर्स और चिकित्सा अधिकारी को रोगी को टीका लगाए जाने के बारे में सूचित करना चाहिए था और कोई भी टीका देने से पहले केस के कागजात की जांच करनी चाहिए थी।”मालवी ने बताया कि उसके किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हमने उन दोनों को निलंबित कर दिया है। यादव की हालत स्थिर है और हम उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे हैं।
टीएमसी में इस मामले से वाकिफ एक शख्स ने कहा, ‘टीका लेने के बाद यादव ने जाकर नर्स से वैक्सीन के बारे में पूछताछ की। नर्स ने उसे बताया कि यह एक एंटी-रेबीज वैक्सीन है, जिसके बाद वह घबरा गया और कहा कि उसे कोविशील्ड वैक्सीन मिलनी चाहिए। उन्होंने स्पष्टीकरण की मांग की जिसके बाद जांच की गई। ठाणे के मेयर नरेश म्हस्के ने कहा कि केंद्र एक झुग्गी बस्ती में है जहां अधिकांश लाभार्थी अशिक्षित हैं और उनका मार्गदर्शन करना चिकित्सा कर्मचारियों का कर्तव्य था।मेयर ने कहा कि घटना की जानकारी मिलने पर जांच करने और तुरंत कार्रवाई आदेश दिए।