रायपुर। छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच कांग्रेस हाईकमान ने राज्य कांग्रेस ईकाई में कई बड़े बदलाव किए हैं, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने छत्तीसगढ़ यूनिट में चार उपाध्यक्षों और तीन महासचिवों को बदल दिया है, इसके साथ ही अतिरिक्त पदाधिकारियों की नियुक्ति भी की गई है, अब इस सबके बीच कांग्रेस के 30 विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं, जिसके बाद कयासबाजी और तेज हो गई है। पिछले कई महीनों से भूपेश औऱ देव में छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है। इस तरह की जानकारी सूत्रों ने दी है।
रविवार तक 3 विधायक और दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं,छत्तीसगढ़ में पिछले कई महीनों से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच टकराव की खबरें मीडिया में लगातार आ रही हैं, दोनों नेताओं की दिल्ली में पार्टी आलाकमान से भी मुलाकात हो चुकी है, जिसके बाद सीएम बघेल के बदले जाने के भी कयास लगाए जाने लगे थे। भूपेश बघेल अभी भी इन अटकलों को खारिज कर रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो यह विधायक प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से मिलने पर अड़े हैं जबकि हाईकमान के बड़े नेता मिलने से इंकार कर चुके हैं,हालांकि आलाकमान से मुलाकात की बात को ये विधायक नकार रहे हैं, दिल्ली जाने को लेकर उनके अलग-अलग तर्क हैं, कोई विधायक कहता है कि वह रिश्तेदार से मिलने जा रहा है तो कोई घूमने की बात करता है।
मामले में भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव दोनों के ही अपने अपने बयान हैं,भूपेश बघेल कह रहे हैं कि विधायकों के दिल्ली जाने को मीडिया इतनी हवा क्यों दे रहा है, हर बात को राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
विधायक अपनी मर्जी से कहीं जा रहे हैं तो यह उनका अधिकार है, इसे तूल देने का क्या मतलब.यह छत्तीसगढ़ है पंजाब नहीं, उनके इस बयान के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। मामले में टी एस सिंह देव कई बार अपनी बात कह चुके हैं,टी एस सिंह देव का कहना है की ढाई ढाई साल के फार्मूले की बात मीडिया में फैली हुई है, जो भी फैसला है वह आलाकमान के पास सुरक्षित है। कितने भी विधायक दिल्ली पहुंच जाएं लेकिन जो फैसला आलाकमान करेगा वह सभी को मानना पड़ेगा. ऐसे में किसी के दिल्ली जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता।