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Monday, November 25, 2024
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1844 करोड़ रुपए का घोटाला

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मुंबई। मनपा अधिनियम-1888, उप नियम 61 के तहत मुंबई महानगरपालिका का मुंबई को स्वच्छ रखना अनिवार्य कर्तव्य है। मुंबई में निर्माण होने वाला कचरा उसका यातायात वह निर्मूलन अनिवार्य और बंधनकारक कर्तव्य है। विलक्षण काम और काम का वातावरण के कारण सफाई कर्मी को स्वास्थ्य जैसी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है फिर भी हमारे सफाई कर्मी अपने स्वास्थ्य की परवाह न करते हुए मुंबई को स्वस्थ रखने में अपने जीवन को झोंक देते हैं। उनके जीवन को सुगम बनाने के लिए राज्य सरकार ने डॉ बाबासाहेब आंबेडकर श्रम साफल्य आवास योजना, के अंतर्गत सफाई कर्मियों के लिए निशुल्क घर के लिए शासनादेश निकाला और निशुल्क घर और डीसीपीआर 14/34 में नियम 3(20 )के तहत 4 एएसआई का प्रावधान किया लेकिन सत्ताधारी शिवसेना अधिकारियों की मिलीभगत से डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर श्रम साफल्य आवास योजना की जगह आश्रय योजना के तहत सिर्फ सेवा काल तक घर देने की योजना लेकर आई है।

यह योजना राज्य सरकार के निशुल्क घर देने घर देने की संकल्पना का उल्लंघन है तथा सफाई कर्मियों के साथ में धोखा है और भारत रत्न बाबासाहेब अंबेडकर के नाम पर जो योजना थी उस योजना का नाम बदलकर आश्रय योजना रखना यह बाबा साहब आंबेडकर का अपमान है, यह योजना सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार को आश्रय देने वाली है। मुंबई और उपनगर में 11 पैकेट की बिल्ट  और डिजाइन टर्नकी प्रोजेक्ट के आधार पर सितंबर 2019 में निविदा निकाली उसे उस उस निविदा को फरवरी 2020 में प्रशासन ने रद्द कर दी, लेकिन जब 18 मार्च 2020 महाराष्ट्र में संचारबंदी घोषित हुई उसके 2 दिन भाग 20 मार्च 2020 को प्रशासकीय मान्यता दी गई।

जैसा कि सबको पता है 24 मार्च 2020 को पूरे देश में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन नियम के तहत संचार बंदी लागू हुई, साथ ही 25 मार्च को उद्योग मंत्री महाराष्ट्र शासन सुभाष देसाई ने वर्तमानपत्र व प्रकाशक के साथ बैठक करके पेपर की छपाई नहीं करने का निवेदन किया, पूरे 3 महीने तक सिर्फ अत्यावश्यक सेवा को छोड़कर सभी लोगों के लिए संचार बंदी थी ऐसे में मनपा प्रशासन 28 अप्रैल 2020 को नई शर्तों के साथ सिर्फ एमसीजीएम के पोर्टल पर निविदा प्रकाशित की गई भाजपा का सवाल है जब सब लोग घरों में बैठे थे तब सत्ताधारी व प्रशासन सफाई कर्मियों के आवास के नाम पर लूट का प्लान बना रहे थे।

ग्रुप 11 ग्रुप में से दो ग्रुप स्थगित है। 9 ग्रुप के लिए करीब 3,300 करोड़ की निविदा आई जिसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार व उदाहरण के तौर पर ग्रुप क्रमांक (2 )बीड क्रमांक -1100 1760 ग्रुप क्रमांक (3 ) बीड नंबर- 710 0 177 561 आश्रय योजना के लिए प्रशासन द्वारा डीसीपीआर 33 (20 ) के तहत तक 4 एफएसआईई लगभग क्षेत्रफल 455 7 0 sq/mtr और निर्माण खर्च प्रति 46887 sq/mtrकुल रुपए 213 6645 9083. के group (3) के लिए 42 655 sq/mtr निर्माण खर्च 46887 sq/mtr कुल खर्च वन 99.855 करोड़ लेकिन सियोना कारपोरेशन द्वारा भरी गई बोली कुल क्षेत्रफल 113 262sq/mtr  दर 63333 sq/mtr , group (3)के लिए क्षेत्रफल 134 329 sq/mtr बांधकाम खर्च RS.63333 sq /mtr .

जब लोग कोरोना वायरस की दूसरी लहर अप्रैल में चरम पर थी और आम मुंबईकर ऑक्सीजन बेड के अभाव में जान गंवा रहे थे तब 26 अप्रैल 2021 को अतिरिक्त आयुक्त प्रकल्प ने विभाग को ठेकेदार शयोना कारपोरेशन से भाव ताव (नेगोशिएशन ) का आदेश दिया अंततः 3:00 मीटिंग के बाद 10 /05/2021 को माननीय अतिरिक्त आयुक्त ने बांधकाम की दर 63333 sq/mtr से कम करके 52445 sq/mtr निश्चित किए ,परिणाम तो शयोना कारपोरेशन  को ग्रुप (2) के लिए राशि 594.1 1cr रुपए और ग्रुप (3) के लिए कुल बांधकाम खर्च 704.2 7 करोड़ निश्चित हुई वहीं पर लोकमान्य तिलक अस्पताल के कर्मचारियों के आवास के लिए मनपा ने निविदा निकाला जिसमें 4 लोगों ने भाग लिया शियोना कारपोरेशन ने Rs.3793 sq/ft के दर से लघुत्तम निविदाकार थी यह निविदा आश्रय योजना के ग्रुप (2)और ग्रुप( 3 )से 5 दिन पहले खुली जिसमें कुल निर्माण 321180 sq/ft और कुल खर्च 12185 करोड़ है

1- सवाल है जब 5 दिन पहले शियोना कारपोरेशन प्रति स्क्वायर फुट रु. 379 3.89 और 4083 7 sq/mtr की ,फिर भी उसी firm को मनपा प्रशासन ने 52445 sqmtr के रेट पर क्यों सिंगल बीडर  को दिया जिसकी वजह से मुंबई महानगरपालिका को एक 805.22 करोड़ का नुकसान हुआ।

2- 6 निविदाकार को सिर्फ प्लान जमा करने पर 5% भुगतान किया गया ,वहीं पर दो ग्रुप को रेट कम होने के बाद भी प्लान पास होने के बाद 1% का भुगतान होगा जोकि डी एल में भेदभाव है संविधान के आर्टिकल 43 और भारतीय करार 1872 का उल्लंघन है. 8 group में लगभग 1844 करोड का भ्रष्टाचार हुआ है, चार्ट संलग्न है। साथ ही साथ सीवीसी गाइडलाइंस माननीय उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का भी उल्लंघन हुआ है जबकि मनपा के पास वास्तु विशारद है डीपी विभाग है बिल्डिंग प्रपोजल विभाग है तब पहले प्लान को मंजूर कर के निर्माण का क्षेत्रफल निश्चित करना चाहिए था ना कि कांट्रेक्टर को लूटने के लिए छोड़ना चाहिए था।

5-मनपा द्वारा निर्धारित निर्माण क्षेत्रफल से 3 गुना क्षेत्रफल निविदा कारों में सिर्फ और सिर्फ 5% अग्रिम भुगतान के लिए किया जिसके कारण मनपा फिर प्लान जमा करने पर करीब 125 करोड़ का भुगतान किया है जो प्लॉट पोटेंशियल का 10 से 12 गुना है

6- भाजपा ने अस्थाई समिति में इस लूट के प्रस्ताव का विरोध किया मतदान मांगा लेकिन शिवसेना शिवसेना राष्ट्रवादी कांग्रेस ने बहुमत से प्रस्ताव को पास कर दिया जब भी मोबिलाइजेशन एडवांस दिया जाता है तब निविदाकार को BG देना पड़ता है यहां पर बैंक गारंटी नहीं ली गई है और जिसके कारण कल अगर प्लान की एरिया मुंबई महानगरपालिका 33(20)के मुताबिक कम मंजूर होती है जितना महानगर पालिका ने प्रस्तावित किया है तो जो लगभग सवा सौ करोड़ रूपया ठेकेदारों को दिया गया है उसकी वसूली कैसे होगी।

भारतीय जनता पार्टी की मांग है बाबासाहब आंबेडकर श्रम सफल योजना के तहत मुंबई के लिए पीढ़ी दर पीढ़ी काम करने वाले सफाई कर्मियों को निशुल्क उनके स्वामित्व के आधार पर घर देना चाहिए।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे महापौर व मुख्य सचिव महाराष्ट्र शासन से निवेदन है कि तुरंत सफाई कर्मियों के नाम पर होने वाली 1844 करोड़ की लूट को रोकने चाहिए और मनपा के न्यूनतम दर पर प्लान पास होने के बाद DCPR 33(20) के आधार पर निश्चित बांधकाम का भुगतान करना चाहिए।

इस लूट में अधिकारी से लेकर सनदी अधिकारी तथा ठेकेदार के ऊपर न्यायिक जांच बिठा कर अथवा लोकायुक्त जांच कराकर कार्रवाई का आदेश देने की कृपा करे।

इसमें मोलभाव और सनदी अधिकारी से लेकर स्वास्थ्य माननीय आयुक्त शामिल हैं इसलिए इसकी शिकायत माननीय कैबिनेट सचिव भारत सरकार तथा मुख्य सतर्कता अधिकारी अधिकारी से करेंगे।

भारतीय जनता पार्टी का का मानना है कि जैसे शाओना कारपोरेशन को आर्थिक क्षमता ना होने के बावजूद उसको करीब करीब 1400 करोड़ का ठेका दिया गया है उसकी भी जांच की जानी चाहिए।

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