उत्तर प्रदेश विधान सभा 2022 चुनाव में समाजवादी पार्टी को उस समय तगड़ा झटका लगा, जब आजम खान की जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज करते हुए वापस इलाहबाद हाईकोर्ट में भेज दिया है। वहां पहले से इस मामले की सुनवाई जारी है।आजम खां रामपुर से 9 बार विधायक रह चुके हैं। अब वह 10वीं बार इतिहास रचने की कोशिश में विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि वे वर्तमान में एक सांसद हैं, इसके बावजूद शहर सीट से वह अपनी किस्मत 10वीं बार आजमा रहे हैं।
गौरतलब है कि रामपुर सांसद आजम खान सीतापुर जेल में बंद में हैं| सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से समाजवादी पार्टी एक बड़ा झटका खान के रूप लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘ये मामला हाईकोर्ट में पेंडिंग है। ऐसे में इसकी सुनवाई भी वहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को निर्देश दिए कि आजम खां के मामले की जल्द सुनवाई करें’।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान आजम खां की तरफ से कपिल सिब्बल ने कहा, ‘मेरे क्लाइंट के खिलाफ 47 केस हैं। हाईकोर्ट हमे सुन नहीं रहा है, हमको मौका नहीं दिया जा रहा है। मेरे क्लाइंट के खिलाफ राजनीति हो रही है’। कपिल सिब्बल की यह बातें सुन कोर्ट ने तुरंत कह दिया कि राजनीति की बात यहां न की जाए। कपिल सिब्बल ने इस बात पर भी जोर दिया कि पिछले 2 महीने से हाईकोर्ट में ये मामला सुरक्षित है, लेकिन कोई फैसला नहीं सुनाया गया। अब क्योंकि आजम खां को चुनावी प्रचार का हिस्सा बनना है, ऐसे में उनका जमानत पर बाहर आना जरूरी है।
आजम खां की 43 साल की सियासत में उनके ऊपर 103 मुकदमे हुए, जिसमें शत्रु संपत्ति पर कब्जा, अवैध रूप से जमीनें हथियाना, उत्पीड़न, सरकारी जमीनों पर कब्जा, चोरी, लूट आदि के मुकदमे हैं। 2 मुकदमों को छोड़कर सभी मुकदमों में उनकी जमानत हो चुकी है। जन्म प्रमाण पत्र के मुकदमे में जमानत पर फैसला स्थानीय न्यायालय में अपने पास रिजर्व रखा है, जबकि शत्रु संपत्ति मामले में उनकी जमानत खारिज हो चुकी है।
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