कर्नाटक सरकार ने कहा है कि हिजाब विवाद के अंतरिम आदेश से पहले जिस छात्र की परीक्षा छूट गई है उन्हें परीक्षा देने का मौका मिल सकता है। लेकिन, कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद जो छात्र या छात्राएं परीक्षा का बहिष्कार करने वालों को अनुमति नहीं दी जाएगी। सरकार ने कहा है कि अंतरिम आदेश से पहले हिजाब विवाद के दौरान परीक्षा में शामिल नहीं होने वाले छात्रों को फिर से मौका दिया जा सकता है, क्योंकि उन्होंने ये सब शायद अज्ञानतावश किया हो।
इस मामले पर गुरुवार को कर्नाटक विधानसभा में बहस हुई।
विपक्ष के कांग्रेस विधायक कृष्णा बायरे गौड़ा ने सरकार से छात्रों को दोबारा मौका देने की मांग की, ताकि वे परीक्षा में शामिल हो सकें। कर्नाटक के कानून मंत्री मधुस्वामी ने कहा कि अंतरिम आदेश के बाद भी अगर बच्चों ने इसका विरोध या परीक्षा का बहिष्कार किया है तो सरकार उन्हें दोबारा मौका देने के पक्ष में नहीं है।
बता दें कि हिजाब विवाद पैदा होने के बाद कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम खाजी की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने 10 फरवरी को एक अंतरिम आदेश पारित किया। जिसमें कहा गया था कि कर्नाटक में कॉलेज दोबारा खोले जा सकते हैं, लेकिन कोई भी छात्र तब तक धार्मिक कपड़े पहनकर कालेज में नहीं आ सकता। क्योंकि यह मामला कोर्ट में में लंबित है।
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