रूस और यूक्रेन के बीच लगभग एक महीने से आक्रमण जारी है। पश्चिमी देशों द्वारा युद्ध को लेकर रूस के विरोध में हैं वही यूक्रेन का साथ दे रहे हैं। लेकिन भारत और चीन जैसे देशों ने दोनों पक्षों से शांति की अपील की और बातचीत करने पर जोर दिया है।
इस मामले को लेकर भारत के रवैए पर पश्चिमी देश सवाल उठा रहे हैं। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन और रूस को लेकर भारत के स्टैंड को डगमगाया हुआ बताया है, जबकि चीन के आक्रमता को लेकर यूएस की चुप्पी पर अब सवाल उठने लगे हैं|
इस पूरे मामले पर जियो पॉलिटिकल एक्सपर्ट ब्रह्मा चेलानी ने अपनी बात रखी है। उन्होंने मुद्दे को लेकर कुछ ट्वीट किए हैं और उसके जरिए अमेरिका और उसकी पॉलिसी पर सवाल उठाए हैं। यह अमेरिका का दोहरा चरित्र है।
जब भारत बॉर्डर पर चीनी आक्रमण का सामना कर रहा है, जिसमें युद्ध की धमकी भी शामिल है,लेकिन जो बाइडेन इस आक्रामकता पर अपना मुंह नहीं खोलेंगे। फिर भी असंवेदनशील बाइडेन एक दूर के युद्ध के लिए भारत की प्रतिक्रिया को ‘डगमगाया हुआ’ कहते हैं।
चेलानी ने कहा है कि डॉनल्ड ट्रंप सरकार और उनके अधिकारियों ने भारत के खिलाफ चीनी आक्रामकता के खिलाफ खुलकर आलोचना की थी, लेकिन बाइडेन सरकार ने मामले पर चुप्पी साधे हुए है। बाइडेन सार्वजनिक रूप से भारत का समर्थन करने या यहां तक कि चीन से भारत की सीमा पर अपने विशाल सैन्य निर्माण को वापस लेने का आग्रह करने से कतराते दिखाई दे रहे हैं।
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