संकट से जूझ रही कांग्रेस की बिहार इकाई पर मदन मोहन झा के इस्तीफे के बाद नये अध्यक्ष के चुनाव की जिम्मेदारी आ गयी है। करीब चार साल तक बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाने के बाद मदन मोहन झा ने बृहस्पतिवार को दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात के बाद इस्तीफा दे दिया था।
प्रदेश कांग्रेस ने इस घटनाक्रम पर कोई औपचारिक बयान नहीं दिया है। पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि अगर राहुल गांधी की इच्छा के अनुसार फैसला लिया गया तो कन्हैया कुमार भी पार्टी की पंसद हो सकते हैं।
बिहार में राजद और कांग्रेस की राहें अलग होने के पीछे एक वजह कन्हैया कुमार से जुड़ी भी बताई जा रही है, जिन्हें तेजस्वी यादव का बराबर का प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। कन्हैया कुमार भूमिहार वर्ग से आते हैं और पार्टी मानती है कि वह भाजपा नीत राजग से असंतुष्ट युवाओं में नयी ऊर्जा भर सकते हैं।
कांग्रेस महासचिव तारिक अनवर ने कहा कि पिछले कुछ समय से बिहार इकाई के प्रमुख के लिए नये शख्स की जरूरत महसूस की जा रही है। अनवर ने कोई नाम नहीं लिया लेकिन पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि नया प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष या तो मुसलमान होगा या दलित होगा, अथवा भूमिहार जैसी किसी उच्च जाति के नेता को भी इस पद के लिए चुना जा सकता है|
सम्मानित ब्राह्मण नेता विजय शंकर दुबे के नाम की भी अटकलें हैं जो राज्य विधानसभा के सक्रिय सदस्यों में गिने जाते हैं। दलित चेहरों में सबसे ऊपर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार का नाम है। अगर उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाता है तो वह बिहार कांग्रेस की पहली महिला प्रमुख होंगी।
यह भी पढ़ें-
Russia सरकारी TV: मोस्कवा डूबने के बाद,”3rd विश्व युद्ध शुरु”