हैदराबाद एनकाउंटर मामले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग ने चारों आरोपियों के पुलिस एनकाउंटर को फर्जी बताया| आयोग ने इसके साथ ही 10 पुलिसवालों पर हत्या का मामला चलाने की सिफारिश की है|
सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त जस्टिस सिरपुरकर आयोग की रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई है| आयोग ने कहा है कि पुलिस का ये कहना कि आरोपी ने पिस्तौल छीन ली और फरार होने की कोशिश की, इस पर भरोसा नहीं किया जा सकता. ये दलीलें सबूत के आधार पर नहीं हैं|
जस्टिस वीएस सिरपुरकर आयोग ने अपनी रिपोर्ट में मुठभेड़ पर कई सवाल उठाए हैं|आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मुठभेड़ में मारे गए चार आरोपियों में से तीन नाबालिग थे|आयोग ने रिपोर्ट में लिखा है कि अभियुक्तों पर जान बूझ कर इस तरह गोलियां चलाई हैं ताकि वो मर जाएं, जबकि शाइक लाल मधार, मोहम्मद सिराजुद्दीन और कोचेरला रवि समेत दस पुलिसवालों पर हत्या यानी 302 के तहत ट्रायल होना चाहिए|
27 नवंबर 2019 को एक महिला पशु चिकित्सक का अपहरण करके कथित चार बदमाशों ने उसका यौन उत्पीड़न किया था| बाद में महिला डॉक्टर की हत्या कर दी गई थी| पुलिस ने बताया था कि था कि आरोपियों ने बाद में महिला का शव जला दिया था| इस घटना को लेकर लोगों में भारी आक्रोश था| बाद में चारों आरोपी हैदराबाद के नजदीक राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 पर एक कथित मुठभेड़ में मार गिराए गए थे|
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