लगातार महंगाई पर विपक्ष की आलोचना झेल रही सरकार के लिए अच्छी खबर है। सरकार और रिजर्व बैंक के प्रयास से महंगाई के मोर्चे पर जनता को बड़ी राहत मिली है। खुदरा के बाद अब थोक महंगाई में गिरावट आई है। सरकारी आंकड़े के अनुसार जुलाई में थोक महंगाई 13.93 फीसदी थी ,जबकि जून में थोक महंगाई 15.18 प्रतिशत रही थी।
पिछले दिनों संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि महंगाई बढ़ी है यह सरकार स्वीकार करती है, लेकिन उसे रोकने के भी प्रयास किये जा रहे हैं। बहरहाल, जुलाई में थोक महंगाई में कमी सरकार के लिए राहत भरा है। लेकिन, जून से पहले मई में थोक महंगाई उच्च दर पर पहुंच गई थी। जून में 15.18 प्रतिशत थी तो मई में 15.88 प्रतिशत थी।
गौरतलब है कि 1998 में सबसे पहले थोक महंगाई 15 फीसदी के पार गई थी। दिसंबर 1998 में थोक महंगाई 15 फीसदी से ज्यादा थी। इसके बाद अब 15 प्रतिशत से नीचे आई है। इससे पहले खुदरा महंगाई से भी जनता को राहत मिली थी।
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