राहुल गांधी के वीर सावरकर पर दिए गए बयान से राज्य की राजनीति गरमाई हुई है और महाविकास आघाड़ी में फूट पड़ने की आशंका पैदा हो गई है। भाजपा की तरफ से राहुल गांधी के बयानों का तीखा विरोध किया जा रहा है, साथ ही लगातार महाविकास आघाड़ी के घटक दल शिवसेना की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह उपस्थित किए जा रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे पहले ही राहुल गांधी के बयान पर असहमति प्रकट कर चुके हैं। अब शिवसेना सांसद संजय राऊत का कहना है कि राहुल गांधी को वीर सावरकर का मुद्दा उठाने की कोई जरूरत नहीं थी, इससे महाविकास आघाड़ी में फूट पड़ सकती है। वहीं शेगांव में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि वीर सावरकर को लेकर कांग्रेस-शिवसेना के अलग-अलग मत हैं और इससे महाविकास आघाड़ी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
वे केवल बोलते भर हैं: संजय राऊत के महाविकास आघाड़ी में फूट पड़ने के बयान पर एक टीवी चैनल से बातचीत करते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वे केवल बोलते हैं। हर बार राहुल गांधी यहां आकर सावरकर के बारे में बोलते हैं। इस पर शिवसेना का एकाध नेता कुछ बोलता है, लेकिन बाकी सत्ता के लिए उनके साथ हैं। वे सावरकर के लिए कभी सत्ता नहीं छोड़ सकते।
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