28 C
Mumbai
Saturday, September 21, 2024
होमराजनीतिमहाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा हलचल, ठाकरे और अंबेडकर ने मिलाया हाथ

महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा हलचल, ठाकरे और अंबेडकर ने मिलाया हाथ

गठबंधन भाजपा के लिए बनी चिंता

Google News Follow

Related

महाराष्ट्र की राजनीतिक में एक नया घटनाक्रम देखने मिल रहा है दरअसल भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर की अध्यक्षता वाली वंचित बहुजन आघाडी ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ चुनाव के पूर्व गठबंधन करने का फैसला किया है। इस गठबंधन को शिव शक्ति का गठबंधन कहा जाएगा। वहीं चुनावी पंडितों का कहना है कि आनेवाले दिनों में राज्य की राजनीति पर इसका बड़ा असर देखने मिल सकता है।  

वहीं अगले साल होनेवाले बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव से पहले इस गठबंधन को फायदा मिल सकता हैं। 2023 में बीएमसी के चुनाव के अलावा 2024 में लोकसभा और फिर महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव पर इसका असर देखने को मिल सकता है। लेकिन देखना यह है कि क्या ठाकरे- अंबेडकर गठबंधन आनेवाले चुनाव तक कायम रहेगी। गठबंधन कायम रहने से महाराष्ट्र की प्रगतिशील राजनीति में यह सामाजिक सुधार के एजेंडे को पुनर्जीवित कर सकता है। माना यह जा रहा है कि वीबीए द्वारा उद्धव के साथ हाथ मिलाने के बाद महाविकास आघाडी का गठबंधन मजबूत होगा।
 

गठबंधन पर प्रकाश अंबेडकर ने कहा, “उद्धव ठाकरे ने कुछ दिन पहले गठबंधन का विषय उठाया था। उन्होंने कहा कि वीबीए में शामिल लोगों से विचार विमर्श करने के बाद ही उद्धव बालासाहेब ठाकरे के साथ साझेदारी का फैसला किया गया। हालांकि अंबेडकर ने यह भी कहा कि उद्धव को गठबंधन तय करना होगा। यानी उनको तय करना होगा कि काँग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन जारी रखना है और वीबीए को चौथे नंबर पर गठबंधन सहयोगी के रूप में रखना होगा। या फिर शिवसेना और वीबीए ही गठबंधन सहयोगी होंगे। वहीं सीटों के बंटवारे जैसे मुद्दे बाद में देखे जाएंगे। हालांकि वीबीए के पास वर्तमान में कोई सांसद या विधायक नहीं है, लेकिन पार्टी का ओबीसी के बीच कुछ आधार माना जाता है।  

वहीं शिवसेना ने खुलासा किया है कि ठाकरे काँग्रेस और एनसीपी के साथ अपने गठबंधन को तोड़े बिना बीवीए को अपने पार्टी में शामिल करेंगे। वहीं शिवसेना-वीबीए का गठबंधन भाजपा के लिए चिंता का नया कारण बन सकता है। बात यदि भाजपा के मौजूदा गठबंधन की बात करें तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली बालासाहेबंची शिवसेना और केन्द्रीय मंत्री रामदास आठवले के नेतृत्व वाली रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया शामिल हैं। इस गठबंधन की सहायता से ओबीसी, मराठों के साथ ही अब दलित मतदाताओं को भी अपने पक्ष में लेने की कोशिश करेंगे जो भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के लिए एक चुनौती होगी।  

ये भी देखें 

गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान जारी

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,378फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
178,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें