राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के हाथ बड़ी सफलता लगी है, दरअसल मलेशिया के कुआलालंपुर से फरार आतंकवादी हरप्रीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। कहा यह भी जा रहा है कि पाकिस्तान स्थित इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन का स्वयंभू चीफ हरप्रीत और लखबीर सिंह रोडे का सहयोगी है। वह साल 2021 में लुधियाना कोर्ट बिल्डिंग ब्लास्ट में साजिशकर्ताओं में से एक था। इस विस्फोट में एक की मौत हो गई थी वहीं मरनेवालों की पहचान खन्ना निवासी गगनदीप सिंह के रूप में हुई थी जबकि विस्फोट में 6 लोग घायल हुए थे।
एनआईए के मुताबिक, रोड के निर्देश पर काम करते हुए हरप्रीत ने विशेष रूप से निर्मित इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) की डिलीवरी का समन्वय किया, जिसे पाकिस्तान से उसके भारत स्थित सहयोगियों को भेजा गया था। और आगे चलकर इसका उपयोग लुधियाना कोर्ट कॉम्प्लेक्स विस्फोट में किया गया था। इस घटनाक्रम के बाद एनआईए ने हरप्रीत सिंह पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। उसके खिलाफ विशेष एनआईए अदालत से गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था और एक लुक आउट सर्कुलर भी निकाला गया था। बता दें कि गिरफ्तार आरोपी हरप्रीत सिंह विस्फोटकों, हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी सहित कई मामलों में भी शामिल और वांटेड था।
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने साजिश का खुलासा करते हुए बताया था कि इस ब्लास्ट को अंजाम देने के लिए आईईडी ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से पंजाब भेजी गई थी। एसटीएफ के मुताबिक, तीन आईईडी को ड्रोन के जरिए भेजा गया था, जिनमें से एक का इस्तेमाल लुधियाना ब्लास्ट में किया गया था। लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट केस में पंजाब पुलिस ने पिछले साल 23 दिसंबर को आरोपी हरप्रीत सिंह पर अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज किया था। उसके बाद इस साल 13 जनवरी को एनआईए को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई। लुधियाना कोर्ट में किया गया विस्फोट इतना जोरदार था कि कोर्ट परिसर की एक दीवार क्षतिग्रस्त हो गई और कोर्ट परिसर में खड़ी कुछ गाड़ियों के शीशे तक टूट गए थे। जिस समय ब्लास्ट किया गया उस समज जिला अदालत काम कर रही थी।
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