हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 68 में से 40 सीटों से पूर्ण बहुमत मिला है, जबकि भाजपा केवल 25 सीटों पर ही सिमट गई। हालांकि, भाजपा की एक प्रतिशत से भी कम मतों के अंतर से हार हुई है। कांग्रेस को जहां 43.90 फीसदी वोट मिले तो वहीं भाजपा को 43.00 प्रतिशत वोट मिले है। वहीं विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद से हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर कांग्रेस में घमासान जारी है। जहां एक तरफ़ दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह हैं और दूसरी तरफ़ ठाकुर नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू हैं। जिसे लेकर खींचतान चल रही है।
दिनभर शिमला स्थित पार्टी मुख्यालय पर हंगामा होता रहा। बड़ी संख्या में प्रतिभा सिंह के समर्थक नारेबाजी करते रहे। वहीं, प्रचार समिति के प्रमुख रहे सुखविंदर सिंह सुक्खू के समर्थक भी उनके पक्ष में नारेबाजी करते रहे। इस सबको देखकर कांग्रेस फूंक-फूंककर कदम रख रही है, क्योंकि उसे यह डर भी है कि कहीं यहाँ भी महाराष्ट्र की तरह कुछ न हो जाए। हालांकि हिमाचल प्रदेश में काँग्रेस की नवनिर्वाचित सरकार में मुख्यमंत्री कौन होगा? इसका फैसला पार्टी आलाकमान देगा।
उधर राजस्थान कांग्रेस में फिर एक नई बहस छिड़ गई है। दरअसल हिमाचल में कांग्रेस तो जीत गई है, लेकिन इसका असर राजस्थान की सियासत पर पड़ा है। बेशक हिमाचल में जीत मिली है तो गुजरात में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा है। ऐसे में राजस्थान कांग्रेस के दो प्रमुख नेता अशोक गहलोत और सचिन पायलट के प्रदर्शन का भी आकलन किया जा रहा है। सियासी गलियारों में सभी मानते हैं कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। सांकेतिक रूप से ही सही, सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ग़द्दार वाले बयान पर अब जवाब दिया है। सचिन ने कहा है कि गुजरात के जो नतीजे आए हैं वे कांग्रेस पार्टी की उम्मीदों से बेहद कम हैं। ज़ाहिर है निशाना गहलोत की तरफ़ ही माना जाएगा, क्योंकि गुजरात चुनाव की बहुत हद तक ज़िम्मेदारी गहलोत को ही सौंपी गई थी। हालांकि वो यहीं नहीं रुके उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश के चुनावी नतीजे बताते हैं कि अगर कांग्रेस सही रणनीति, कैम्पेन और तरीक़े से अपनी बात रखें तो काँग्रेस भाजपा को हर हाल में हरा सकते हैं।
बता दें कि गुजरात में इस बार कांग्रेस बीजेपी से बुरी तरह हारी है। गुजरात में कुल 182 विधानसभा सीटें है। जिसमें से बीजेपी ने यहाँ153 सीट पर जीत दर्ज कि तो वहीं कॉंग्रेस के खाते में 16 सीट आई। इतना ही नहीं कॉंग्रेस का वोट शेयर भी काफी गिरा। गुजरात चुनाव में अशोक गहलोत के करीबी रघु शर्मा को प्रदेश प्रभारी बनाया गया था। वहीं गहलोत यहां सीनियर ऑब्जर्वर की भूमिका में थे। गुजरात में इस बार कांग्रेस की बेकार परफॉर्मेंस के पीछे राजस्थान का झगड़ा भी माना जा रहा है। दरअसल 25 सितंबर को गहलोत गुट के विधायकों के विधायक दल की बैठक के बहिष्कार करने के बाद हुए सियासी बवाल के कारण सीएम का गुजरात से फोकस हट गया। राजस्थान कांग्रेस की सियासी लड़ाई का गुजरात चुनावों की रणनीति, जनता के धारणाओं पर बुरा असर पड़ा। वहीं चुनाव परिणाम के बाद गुजरात कांग्रेस प्रभारी रघु शर्मा ने राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया है। यह भी एक बड़ा प्रभाव माना जा रहा है। वहीं गुजरात के चुनाव नतीजों पर टिप्पणी करके सचिन पायलट ने मामले को फिर से गर्म कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश के चुनाव में रणनीति बनाने में सचिन पायलट का अहम रोल रहा। हालांकि यहां प्रियंका गांधी ने भी चुनावी रणनीति को लेकर काफी अच्छा काम किया सचिन पायलट को प्रियंका के साथ रणनीति बनाने और जीत दिलाने में अहम रोल माना जा रहा है। सचिन पायलट ने प्रियंका गांधी के साथ मिलकर कई रैलियों को भी संबोधित किया था। सचिन पायलट ने हिमाचल प्रदेश के 24 सीटों पर 25 जनसभाएं की थी। जिसमें 17 सीटों पर कॉंग्रेस को जीत मिली। सचिन ने मुख्य रूप से हिमाचल के कांगड़ा, मंडी और शिमला में जनसभाएं कि थी इसमें से कांगड़ा के 15 सीटों में से 11 सीटों पर कॉंग्रेस की जीत हुई। सचिन पायलट हिमाचल कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ला , छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ यहां कैपेनिंग में जुटे थे। हिमाचल में पार्टी की जीत के बाद इन नेताओं को भी जमकर तारीफ हो रही है।
वहीं हिमाचल में कांग्रेस की जीत के बाद राजस्थान के दिग्गज नेता और कांग्रेस के स्टार प्रचारक सचिन पायलट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में सचिन पायलट एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हिमाचल के नेताओं को यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि आप चिंता मत करो मैं जिताकर जाऊंगा , आधा काम करते ही नहीं हम’। वीडियो में सचिन पायलट के विश्वास को देखकर हिमाचल कांग्रेस के नेताओं के चेहरे पर खास मुस्कान है। सोशल मीडिया पर पायलट के समर्थक इस वीडियो को वायरल कर उनकी नेतृत्व क्षमता को जाहिर करने में लगे हैं। एक प्रशंसक ने ट्विटर पर लिखा है कि ‘सचिन पायलट जी ने जो हिमाचल प्रदेश में कहा सच कर दिखाया’।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली सफलता और गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के बेहद खराब प्रदर्शन का असर दिखना अब तय है। हिमाचल की जीत में पायलट की अहम भूमिका से कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच सचिन को लेकर नजरिया बदलेगा। पार्टी में उनकी छवि को लेकर सकारात्मक राय बनी है। उधर, गुजरात चुनाव में परास्त के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रदर्शन पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। गहलोत की सियासी छवि को इससे नुकसान होने की पूरी संभावना है।
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