चुनाव आयोग 12 जनवरी को शिवसेना गुटों की याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। इसको लेकर राज्यसभा सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि मूल शिवसेना वही है जिसका नेतृत्व उद्धव ठाकरे कर रहे हैं। जून में शिवसेना का बंटवारा हो गया था, जिसके बाद शिवसेना का एक गुट उद्धव ठाकरे के साथ है तो वहीं दूसरा गुट एकनाथ शिंदे के साथ खड़ा है। इन दोनों गुटों के बीच कानूनी जंग छिड़ी हुई है और दोनों गुट पार्टी पर अपने-अपने दावे पेश कर रहे हैं, जिसकी सुनवाई आयोग कर रहा है। बता दें कि मूल शिवसेना के 56 विधायकों में से 39 विधायक और महाराष्ट्र के 18 लोकसभा सांसदों में से 13 ने शिंदे गुट का दामन थाम लिया था। इन्होंने ठाकरे के खिलाफ विद्रोह किया था जिसके कारण पिछले जून में महाविकास अघाड़ी की सरकार गिर गई थी।
वहीं मीडिया से बातचीत के दौरान संजय राउत ने कहा कि शिवसेना केवल एक ही है, जिसकी स्थापना बालासाहेब ठाकरे ने की थी और जिसका नेतृत्व उद्धव ठाकरे कर रहे हैं। पूरी शिवसेना उनके साथ है। उन्होंने कहा कि जब शिवसेना के चुनाव चिह्न पर जीत हासिल करने वाले नेता छोड़ चुके हों, तो इसे टूट नहीं कहा जा सकता। राऊत ने पत्रकारों से कहा कि हालांकि ‘स्वतंत्रता और स्वायत्तता’ अब स्वायत्त संस्थानों में नहीं देखी जा रही है, फिर भी उन्हें चुनाव आयोग पर भरोसा है।
दोनों गुट खुद को मूल शिवसेना करार देने की आयोग से मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वे हार जाएंगे।’’ राज्यसभा के सदस्य ने कहा, ‘‘हम चुनाव आयोग पर भरोसा करते हैं जो एक स्वायत्त और स्वतंत्र निकाय है। हमारे पास टीएन शेषन यानी पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त का एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को न्याय मिलेगा।
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