खालिस्तानी अमृतपाल सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि शनिवार को हिरासत में लिए जाने की खबर थी, लेकिन, इस दौरान उसके 78 साथियों को गिरफ्तार किया था। लेकिन, अमृतपाल पंजाब पुलिस के पहुंचने से पहले ही चकमा देकर फरार हो गया। अब उसकी पंजाब में चप्पे- चप्पे की तलाश की जा रही है। वहीं, पंजाब पुलिस लगातार दावा कर रही है कि जल्द ही अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इस बीच खबर है कि, अमृतपाल के चार सहयोगियों को असम के डिब्रूगढ़ के सेन्ट्रल जेल में एयरफोर्स के प्लेन से भेजा गया है। अब उन्हें डिब्रूगढ़ के सेन्ट्रल जेल में ही रखा गया। बताया जा रहा था कि इस दौरान आईजी जेल समेत पंजाब पुलिस की 27 सदस्यीय टीम भी थी। माना जा रहा है कि सुरक्षा की दृष्टि से इन्हें यहां रखा जा रहा है। डिब्रूगढ़ डीसी, एसपी ने पंजाब पुलिस की 27 सदस्यीय टीम की अगवानी की।
वहीं, पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने के लिए इंनटरनेट को 20 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है। बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज की छूट दी गई है। पंजाब पुलिस का कहना है कि जैसे ही अमृतपाल को ट्रेस को करते हुए पहुंची थी। वहां उसकी कार मिली थी, जहां एक बार फिर पुलिस चकमा देकर फरार हो गया। वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि अमृतपाल को गिरफ्तार करने या उस पर कार्रवाई करने के लिए कुछ दिन पहले ही प्लान बना था। पिछले दिनों पंजाब के अजनाला थाने पर अमृतपाल सिंह और उसके साथियों द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने पंजाब के सीएम भगवंत मान को तलब किया था।
इसके बाद, सीएम मान और अमित शाह के बीच मुलाक़ात हुई थी। बताया जा रहा है कि इसके बाद ही इस कार्रवाई की रुपरेखा बनाई गई थी। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों ने लगातार पंजाब प्रसाशन पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों पर कार्रवाई करने का दबाव बना रही थी। वहीं जब भगवंत मान अमित शाह से मिले थे तो उस दौरान यह मुद्दा उठा था। अमित शाह ने सीएम मान से पंजाब के अलगाववादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा था।
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