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कौन हैं अश्विनी वैष्णव, इस्तीफा मांगने वाले विपक्षी नेता एक बार उनका प्रोफ़ाइल तो देखें!   

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प्रियंका गांधी, संजय राउत सहित कई विपक्ष के नेताओं ने रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा मांगा है। ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे के बाद से विपक्ष के नेता लगातार रेलवे मंत्री का  इस्तीफा मांग रहे है। ये नेता पिछली सरकारों में हुए हादसे के बाद रेलवे मंत्रियों द्वारा दिए गए थे जिसको उदाहरण के तौर पर ये इस्तेमाल कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह कि जो जो नेता ने इस्तीफा मांगा है। शायद रेलवे मंत्री की शिक्षा और उनके अनुभव को नहीं जानते है। रेलवे मंत्री विदेश से तो पढ़ाई किये ही हैं। वे पूर्व आईएएस भी हैं। सबसे बड़ी जो बात है वह यह कि अश्विनी वैष्णव ओडिशा के बालासोर और कटक में जिला कलेक्ट्र रहे हैं। इसके अलावा वे निजी कंपनियों में उच्च पदों पर काम कर चुके है। रेल मंत्री वैष्णव अटल बिहारी वाजपेयी के भी साथ काम कर  चुके हैं। इतना ही नहीं उनके निजी सचिव के तौर पर भी काम किया है। उनके अनुभव देखते हुए इस्तीफा मांगने वाले नेता कहीं नहीं टिकते हैं। इस तरह से देखा जाए तो विपक्ष के नेताओं द्वारा का इस्तीफा मांगना कोई औचित्य नहीं है।

अश्विनी वैष्णव का सिर्फ काम पर फोकस: लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अनुसार अगर कहें तो ओडिशा ट्रेन हादसे से पहले अश्विनी वैष्णव को ज्यादा लोग नहीं जानते थे। लेकिन अश्विनी वैष्णव ने भारतीय रेलवे के लिए बड़ा काम किया है। वहीं इस हादसे के बाद से अश्विनी वैष्णव लगातार 36 घंटे से भी ज्यादा समय तक बालासोर में डेट हुए हैं। इतने बड़े हादसे के बाद भी अश्विनी वैष्णव सिर्फ अपने काम पर फोकस किये हुए हैं। जबकि ट्रेन हादसे को लेकर सियासी बतरस जारी है। लेकिन रेलवे मंत्री ने अपने राजनीति विरोधियों को अपने काम से जवाब दे रहे हैं। एक ओर जहां रेलवे मंत्री को ट्रेन सेवा को जल्द से जल्द बहाली की चुनौती हैं। तो दूसरी ओर अस्पताल में बिस्तर पर पड़े घायलों का भी हालचाल भी ले रहे हैं। साथ ही घटनास्थल पर रहकर ट्रैक को फिर से बहाल करने की जिम्मेदारी है। जिसको रेलवे मंत्री अपने देखरेख में  खराब हालत में पड़े लाइनों को मरम्मत कराने में जुटे हुए हैं।
odisha balasore train accident pm modi meeted injured  
अमेरिका में पढ़ाई:  अश्विनी वैष्णव ने 8 जुलाई  2021 को रेलवे मंत्री का कार्यभार संभाला। उनके पास  इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी का भी अतिरिक्त पदभार है। वे देश 39 वें रेलवे मंत्री हैं जबकि 55 वें इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री भी हैं। वर्तमान में अश्विनी वैष्णव ओडिशा से  राज्य सभा सदस्य हैं। अश्विनी वैष्णव बीजू जनता दल के सहयोग से  बीजेपी की ओर से राज्य सभा पहुंचे हैं। उनका जन्म पाली जिले राजस्थान में हुआ है। प्रारम्भिक पढ़ाई उन्होंने जोधपुर में ही प्राप्त की है।1991 में इलेक्ट्रॉनिक और संचार इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। उन्होंने 1994 में  यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन ( यूपीएससी ) यानी भारतीय प्रशासनिक सेवा चुने गए थे। ओडिशा कैडर के रूप में वैष्णव ने  बालासोर और कटक में  जिला कलेक्टर के रूप में काम किया है। अश्विनी वैष्णव का 27 वां रैंक था। अश्विनी वैष्णव 2008 में अमेरिका पढ़ाई करने के लिए चले गए। जहां उन्होंने एमबीए की पढ़ाई पूरी की। वहां से लौटने के बाद उन्होंने निजी और सार्वजनिक दोनों संस्थानों में काम किया।
odisha balasor train accident railway minister ashwini vaishnav
अटल बिहारी वाजपेयी के  निजी सचिव: अश्विनी वैष्णव ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यालय में  उप सचिव के तौर पर भी काम किया है। 2004 में एनडीए की हार के बाद अश्विनी वैष्णव ने अटल बिहारी वाजपेयी के  निजी सचिव के रूप में भी काम किया है। अश्विनी वैष्णव ने 2010 में सिविल सेवा छोड़ दिया।  वर्तमान में अश्विनी वैष्णव कई समितियों के सदस्य हैं। गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री  अरविंद केजरीवाल भी आईएएस रह चुके हैं। फिलहाल वे पीएम नरेंद्र मोदी को बिना लिखा पीएम होने का आरोप लगाते रहे हैं। लेकिन, पीएम मोदी ने दावा किया है कि वे बीए पास है। इस संबंध केजरीवाल को  सबूत भी दिए जा चुके हैं लेकिन केजरीवाल राजनीति में पीएम मोदी पर निजी हमला करते रहे हैं। ऐसा कहा जा सकता है कि पीएम मोदी के मंत्रियों में सबसे अधिक पढ़े लिखे मंत्री अश्विनी वैष्णव हैं।
balasor train accident railway minister ashwini vaishnav
वैष्णव का इस्तीफा मांगना हास्यप्रद: विपक्ष का अश्विनी वैष्णव का इस्तीफा मांगना एक तरह से हास्यप्रद है। क्योंकि, अश्विनी वैष्णव  बालासोर के चप्पे चप्पे से वाकिफ है। वहां उन्होंने जिला कलेक्टर का काम किया है। रेलवे मंत्री लगातार वहां खड़ा होकर काम कर रहे हैं। अगर ममता बनर्जी बालासोर के घटनास्थल पर अपनी राजनीति चमकाने के लिए गई थी। न की उन्हें मारे गए और घायलों से हमदर्दी थी। ममता बनर्जी यह दिखाना चाहती हैं कि वे आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्ष की पीएम उम्मीदवार हैं।
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