27 C
Mumbai
Sunday, November 24, 2024
होमदेश दुनियामणिपुर: जब सुरक्षाबलों को उग्रवादियों को मजबूरन छोड़ना पड़ा, जाने वजह   

मणिपुर: जब सुरक्षाबलों को उग्रवादियों को मजबूरन छोड़ना पड़ा, जाने वजह   

कई बार महिलाओं ने उग्रवादियों की ढाल बनकर सामने आई हैं और सेना को हथियार डालना पड़ा। 

Google News Follow

Related

मणिपुर में हिंसा अभी जारी है। एक दिन पहले ही सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई थी। इतना ही नहीं कई जिलों में अभी भी कर्फ्यू  लगा हुआ है। इतना ही कई स्थानों पर इंटरनेट बैन है। इस बीच शनिवार को एक बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला। सुरक्षा बलों को कांगलेई यावोल कन्ना लूप के 12 उग्रवादियों को महिलाओं की वजह से छोड़ना पड़ा। दरअसल, इस मौके पर लगभग 1500 महिलाओं की भीड़ सामने आ गई जिसकी वजह से उन्हें मजबूरन वापस लौटना पड़ा।

 12 उग्रवादियों को घेर लिया था: बताया जा रहा है कि सुरक्षा बलों ने कांगलेई यावोल कन्ना लूप ( kykl) के 12 उग्रवादियों को एक गांव में घेर लिया था। मगर महिलाओं झुंड आ गया जिसकी वजह से सुरक्षा बल उग्रवादियों को पकड़ने के बजाय वापस लौट गया। हालांकि मौके से सुरक्षा बलों को बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किया गया।बताया जा रहा है सुरक्षा बलों ने इन उग्रवादियों को पकड़ने के लिए कडा अभियान चलाया था। इन बारह उग्रवादियों में मोइरंगथेम तम्बा उर्फ़ उत्तम भी शामिल था। तम्बा को 2015 में हुए हमले का मास्टरमाइंड बताया जाता है।
सीबीआई की टीम का रास्ता रोका: बताया जा रहा है कि सुरक्षाबलों ने इन महिलाओं को बार बार हटने की अपील करती रही ,लेकिन महिलाओं ने वहां से नहीं हटा। जिसकी वजह से उग्रवादियों मौके पर ही छोड़कर वापस जाना पड़ा। वैसे यह पहली बार नहीं है कि महिलाओं ने उग्रवादियों का समर्थन किया है। इससे पहले भी ऐसे वाकया सामने आ चुका है। 22 जून को यहां की महिलाओं की एक भीड़ ने सीबीआई की टीम का रास्ता रोक दिया था। सीबीआई की टीम हथियार लूटने की जांच करने के लिए मणिपुर पहुंची थी। टीम जब जांच के लिए मणिपुर पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज पहुंची थी। इसके एक दिन बाद यानी 23 जून को सेना ने एक ट्वीट कर बताया था कि महिलाओं की भीड़ ने सुरक्षाकर्मियों इलाके में जाने से रोक दिया जिसमें उग्रवादी आटोमैटिक हथियार से फायरिंग कर रहे थे।
तीन मई से हिंसा की आग: बता दें कि मणिपुर में तीन मई से हिंसा की आग में झुलस रहा है। यह हिंसा उस समय शुरू हुई जब अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के विरोध में कुकी और मैतई समुदाय के लोग भिड़ गए। इस घटना के बाद से मणिपुर में लगातार हिंसा जारी है। अब तक 100 अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। तो हजारों लोग बेघर हो चुके है उन्हें शिविर में रखा गया है।
ये भी पढ़ें 

 

US के बाद पीएम मोदी पहुंचे मिस्र,अब्देल फतह को लगाया गले, जोरदार स्वागत

क्या रूस में होगा तख्तापलट?, पुतिन के करीबी ने लड़कों के साथ सड़क पर  

पंचायत चुनाव:BJP इस बार उतारे 650 मुस्लिम कैंडिडेट, 2024 में होगा खेला  

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,295फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
194,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें