मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क से घुमाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद देशभर से गुस्से भरी प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं|दरअसल, यह घटना दो महीने पहले की है और मणिपुर में पुलिस प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई,लेकिन इस घटना का वीडियो वायरल होते ही देशभर में गुस्से की लहर दौड़ गई| सुप्रीम कोर्ट ने खुद इस वीडियो पर संज्ञान लिया और मणिपुर सरकार को चेतावनी दी कि अपराधियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करें, अन्यथा हमें कार्रवाई करनी पड़ेगी|
देशव्यापी आक्रोश और मुख्य न्यायाधीश की फटकार के बाद मणिपुर में प्रशासनिक व्यवस्था डगमगाने लगी| भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने चीफ जस्टिस धनंजय चंद्रचूड़ के इस पद पर आपत्ति जताई है|इस संबंध में विधायक अतुल भातखलकर ने ट्वीट किया है| इसमें उन्होंने कहा है कि, ”अगर सुप्रीम कोर्ट को सरकार का काम करना है तो सुप्रीम कोर्ट को देश चलाना चाहिए|” हमें चुनाव और संसद की आवश्यकता क्यों है? अगर कुर्सी पर बैठकर कानून-व्यवस्था का आदेश पारित किया जाएगा तो देश कैसे सुचारू रूप से चल सकता है।”
विधायक अतुल भातखलकर के कोर्ट में ही आपत्ति जताने के बाद अब भातखलकर को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है| कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक नाना पटोले ने कहा है कि मणिपुर घटना के मुद्दे पर अध्यक्ष द्वारा बोलने की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र विधानसभा से बहिर्गमन किया। इसी समय नाना पटोले ने भी विधायकी छोड़ दी| पटोले ने विधानसभा के बाहर मीडिया से बात की| नाना पटोले ने कहा, इस समय भाजपा ने सत्ता का आनंद लिया है| उनके विधायक चीफ जस्टिस के कामकाज की आलोचना कर रहे हैं, उनके खिलाफ ट्वीट कर रहे हैं|
यह जानते हुए भी कि संवैधानिक व्यवस्था में सर्वोच्च न्यायालय का बहुत महत्व है, ये लोग न्यायालय पर लांछन लगाने का दुस्साहस करते हैं। क्योंकि उन्होंने सत्ता का आनंद लिया है| वो मस्ती आप उनके ट्वीट्स से देख सकते हैं|
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