प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए देश की 26 विपक्षी पार्टियों ने मिलकर I.N.D.I.A का गठन किया है। बेशक भारत अघाड़ी की स्थापना हो चुकी है| इस गठबंधन में कांग्रेस, ठाकरे ग्रुप, तृणमूल समेत कई बड़ी और प्रमुख विपक्षी पार्टियां शामिल हैं|लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में सत्ता संरेखण महत्वपूर्ण है। तो उत्तर प्रदेश में विपक्षी गठबंधन को कितना समर्थन मिलता है? इसने राजनीतिक हलकों का ध्यान खींचा है| इसी पृष्ठभूमि में अब उत्तर प्रदेश की अहम विपक्षी पार्टी बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है|
1. एनडीए व इण्डिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियाँ हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अतः मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज़।
— Mayawati (@Mayawati) August 30, 2023
2. बीएसपी, विरोधियों के जुगाड/जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे/बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनकेे गठबंधन से सन 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा तथा चार राज्यों में विधानसभा का आमचुनाव लडे़गी। मीडिया बार-बार भ्रान्तियाँ न फैलाए।
— Mayawati (@Mayawati) August 30, 2023
3. वैसे तो बीएसपी से गठबंधन के लिए यहाँ सभी आतुर, किन्तु ऐसा न करने पर विपक्षी द्वारा खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं। इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर न मिलें तो भाजपाई। यह घोर अनुचित तथा अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं, की कहावत जैसी।
— Mayawati (@Mayawati) August 30, 2023
इस साल सावन में दो पूर्णिमा, जाने कब है रक्षाबंधन का मुहूर्त ?