भारत बनाम इंडिया की चर्चा जोरों पर है। ऐसे में यहां तक कहा गया कि मोदी सरकार संविधान से इंडिया शब्द को विशेष सत्र में बिल लाकर हटाएगी। लेकिन माना जा रहा है कि यह बस मीडिया में चर्चा है। मोदी सरकार ऐसा कुछ भी नहीं करने वाली। बताया जा रहा है कि सरकार देश में केवल भारत के संदर्भ में एक नैरेटिव सेट करेगी। जो इंडिया के बजाय भारत लिखने या बोलने पर जोर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने ऐसा पहले कर चुकी है कई योजनाओं में भारत नाम जुड़ा हुआ है। मोदी सरकार ने जी 20 जैसे बड़े कार्यक्रम से इसकी सार्वजनिक रूप से कार्यन्वित किया है। दरअसल, जी 20 के शिखर सम्मेलन के दौरान 9 सितंबर को रात्रिभोज के लिए राष्ट्रपति द्वारा जारी किये गए निमंत्रण पत्र पर प्रेजिडेंट ऑफ़ भारत लिखा गया है। जिस पर विपक्ष ने आपत्ति जाहिर की है और आरोप लगाया है कि मोदी सरकार इंडिया शब्द को हटाने की कोशिश कर रही है।
अब बताया जा रहा है कि सरकार की ऐसी कोई भी प्लानिंग नहीं है। लेकिन अब सरकार अधिसूचनाओं, निमंत्रण पत्रों ,सरकारी योजनाओं में भारत नाम का इस्तेमाल करेगी। स्किल इंडिया , स्टैंडअप इंडिया,डिजिटल इंडिया मेक इन इंडिया जैसे नामों को ज्यों की त्यों रहेगा। मगर नई योजनाओं में भारत नाम ही शामिल किया जाएगा। हालांकि सरकार ने पहले से ही कई योजनाओं के नाम में भारत जोड़ रखा है। जिसमें कर्मयोगी भारत, आयुष्मान भारत आदि शामिल है। पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने आईपीसी को भारतीय न्याय संहिता और सीआरपीसी को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता करने का प्रस्ताव दें चुके हैं।
बताया जा रहा है कि सरकार इंडिया नाम वाली किसी भी स्कीमों का नाम नहीं बदला जाएगा और न किसी स्मारक का नाम बदलने का प्लान है। लेकिन नए स्कीमों या इमारतों या स्मारकों के नाम में भारत नाम का ही इस्तेमाल किया जाएगा।
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