तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म पर की गई टिप्पणी से बवाल मचा हुआ है। इस बीच आईआईटी दिल्ली की प्रोफ़ेसर दिव्या द्विवेदी ने सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी की है। जिससे हंगामा मचा हुआ है। उन्होंने विदेशी चैनल से बात करते हुए कहा कि भविष्य का भारत हिन्दू विहीन होगा। प्रोफ़ेसर का वीडियो वायरल होने के बाद विवाद बढ़ गया। दिव्या द्विवेदी ने इससे पहले 2019 में भी एक ऐसा ब्यान दिया था। तब उन्होंने कहा था कि हिन्दू धर्म 20 सदी में आया।
उन्होंने फ़्रांस -24 बात करते हुए कहा कि ” दो भारत है, एक भारत पुराना है, जिसमें बहुसंख्य आबादी को दबाने के लिए जातिवादी व्यवस्था है। एक भविष्य का भारत है जिसमें जातिवादी शोषण और हिंदुत्व नहीं होगा। यह वह भारत है जिसे अभी तक प्रस्तुत नहीं किया गया है। इन्तजार कर रहा है ,उसे दुनिया को अपना रूप दिखाने की चाहत है। जब, पत्रकार ने भारत के आर्थिक विकास के मुद्दे और तकनीक का लाभ रिक्शेवाले को भी मिलता है के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस तरह की बात मीडिया द्वारा गढ़ी गई हैं। उन्होंने कहा कि भारत 3000 सालों के जातिगत नस्लीय व्यवस्था बनी हुई है जहां ऊंची जाति के दस प्रतिशत लोग 90 प्रतिशत शक्तिशाली पदों पर कब्जा जमाये हुए हैं। ”
इलाहाबाद की रहने वाली दिव्या द्विवेदी ने कहा कि जी 20 अमीर और गरीब देशों का सम्मेलन है। उन्होंने कहा कि जीडीपी कभी देश की प्रगति का पैमाना नहीं है। अमीर देशों में भी गरीबी है।उन्हों कहा कि एक तरफ जहां भारत में पैतृक शक्ति सम्मान और समृद्धि है तो दूसरी ओर जन्म आधारित भेदभाव और गरीबी है। बता दें कि दिव्या द्विवेदी आईआईटी दिल्ली के सोशल साइंस विभाग में एसोसिएट प्रोफ़ेसर हैं।
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