लोकसभा में दानिश अली और बीजेपी नेता रमेश बिधूड़ी के बीच उपजे विवाद को सांसदों की शिकायत पर विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया है। गौरतलब है कि बसपा नेता दानिश अली ने लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखकर मांग की थी कि इस मामले को विशेषाधिकार समिति के सामने भेजा जाए।
दानिश अली के अनुसार बिधूड़ी ने उनका विशेषाधिकार हनन किया है और संसद में आतंकी और उग्रवादी कहा था। इस मामले में बीजेपी के नेताओं ने भी दानिश अली पर आरोप लगाया था कि वे बिधूड़ी को उकसाये और पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणी कर रहे थे।
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को लिखे पत्र में दानिश अली ने कहा था कि इस मामले को 227 नियम के तहत विशेषाधिकार समिति को भेजा जाए और उसकी जांच की जाए। इस मामले में कई और सांसदों ने पत्र लिखकर इस मामले को विशेषाधिकार समिति के सामने भेजने की मांग की थी। गौरतलब है कि संसदीय विशेषाधिकार सांसदों को दिया गया है। संसद के किसी भी सदन के सदस्यों और समितियों की शक्तियां और विशेषाधिकार संविधान के अनुच्छेद 105 के तहत निर्धारित किये गए हैं।
सदन में कार्यवाही के दौरान किसी सदस्य के आचरण, भाषण या मानहानि छापना विशेषाधिकार के उल्लंघन माना जाता है। हालांकि यह तय नहीं है कि इसके तहत क्या सजा दी जाएगी। विशेषाधिकार समिति इस बात की जांच करेगी की सदस्य द्वारा दिए गए बयान से सदन के सदस्यों का अपमान हुआ या नहीं, समिति यह भी देखेगी की सदस्य की जनता के सामने छवि ख़राब हुई।
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