31 C
Mumbai
Saturday, November 23, 2024
होमब्लॉगजेडीयू-आरजेडी का होगा विलय!, नीतीश कुमार का भविष्य कैसा होगा?

जेडीयू-आरजेडी का होगा विलय!, नीतीश कुमार का भविष्य कैसा होगा?

Google News Follow

Related

बिहार की राजनीति में आजकल दो लोगों की खूब चर्चा हो रही है। एक तेजस्वी यादव और दूसरा सीएम नीतीश कुमार की। अब सवाल यह है कि आखिर दोनों नेता सियासी चर्चा के विषय क्यों बने हुए हैं ? तो नीतीश कुमार अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं और उनके बयानों के मायने निकाले जा रहे हैं।

पहले हम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बात करते हैं। उनके बयानों पर बात करते हुए यह समझ में आ जाएगा कि आखिर तेजस्वी यादव की आजकल क्यों तेज चर्चा में है। आखिर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव में क्या चल रहा है। तो हम माजरा को समझने की कोशिश करते हैं। दरअसल, कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के मोतिहारी में     कहा था कि बीजेपी के साथ उनकी अंतिम सांस तक दोस्ती चलती रहेगी। इसके बाद तो  न जाने लोगों ने इसके क्या क्या अर्थ लगा लिया। मीडिया के लोग दौड़े दौड़े बिहार बीजेपी के कुछ नेताओं से बाइट लेकर बिहार की राजनीति को गरमा दिया। यह वैसा ही बुलबुला था, जिसको थोड़ी सी भी हवा लग जाए तो फूट जाता है। बिहार के मुख्यमंत्री का बयान भी कुछ ऐसा ही था।

बिहार और देश की राजनीति में यह चर्चा तेज हो गई कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भविष्य में फिर बीजेपी के साथ हमजोली कर सकते हैं। लेकिन इसमें सच्चाई रत्ती भर नहीं थी और न ही है। मीडिया ने इसे खूब हवा दी, लेकिन नीतीश कुमार का बयान वैसा ही है था. जैसे रोते बच्चे को टॉफी देना। यानी की बहलाना फुसलाना से ज्यादा कुछ नहीं था। वैसे जेडीयू के कार्यकर्ता भी कन्फ्यूज हैं कि आखिर उनके नेता कहना क्या चाहते हैं, और करना क्या चाहते हैं। ऐसे सवाल जब पार्टी के कार्यकर्ताओं में खड़ा होने लगे तो यह साफ़ हो जाता है कि पार्टी अपने लक्ष्य से भटक चुकी हैं और उसका भविष्य अधर में है। ऐसा ही कुछ नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के साथ भी होने वाला है। तो क्या यह सही है कि जेडीयू  बिहार में खत्म होने वाली है।

इस प्रश्न का जवाब नीतीश कुमार के एक बयान में छुपा है। दरअसल तीन दिन पहले ही नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के कंधे पर हाथ रखकर कहा था कि यह बच्चा ही अब हम सबका सब कुछ है। इसके बाद तो इस बयान को लेकर चर्चा तेज हो गई है और कहा जाने लगा कि जल्द ही जेडीयू का आरजेडी में विलय होगा। लेकिन माना जा रहा है कि यह विलय 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद किया जाएगा। अब सवाल यह है कि क्या सही में नीतीश कुमार की पार्टी का आरजेडी में विलय होगा ? अगर ऐसा होगा तो क्यों होगा यह बड़ा सवाल है ? और वह कौन सा कारण है जिसके कारण जेडीयू का आरजेडी में विलय होगा। और सबसे बड़ी बात यह कि विलय 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद ही क्यों होगा ? यह सवाल बहुत ही महत्वपूर्ण है। क्योंकि इसी के आधार पर नीतीश कुमार की वैल्यू तय होगी।

यह बात सही है कि जेडीयू में नीतीश कुमार के बाद ऐसा कोई नेता नहीं है, जो पार्टी को संभाल सके। हालांकि, जब राजनीति रणनीतिकार प्रशांत किशोर जेडीयू में थे तो यह कहा जा रहा था कि वे नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी होंगे। लेकिन उनके पार्टी से जाने के बाद ऐसा कोई भी नेता सामने नहीं आया जो जेडीयू को संभाल सके। वर्तमान में कहा जा रहा है कि जेडीयू में दूसरे पंक्ति में ऐसा कोई नेता नहीं है जो पार्टी का भार उठा सकें। हालांकि, कहा जा रहा है कि कुछ नेता, आरजेडी के साथ जाने के पक्ष में हैं तो कुछ इसके विरोध में हैं। इस लिहाज से कहा जा सकता है कि जेडीयू का आरजेडी में विलय तय है।

वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार अब दिल्ली की राजनीति करने के लिए मन बना लिया है। उन्होंने कुछ दिन पहले ही राज्यसभा में जाने की मंशा जाहिर की थी। इसके अलावा   बताया जा रहा है कि इंडिया गठबंधन में पीएम दावेदारी पर दबाव बनाने के लिए भी ऐसा कर रहे हैं। हालांकि, इसमें कितनी सच्चाई है। यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा। अब सवाल यह है कि आखिर जेडीयू और आरजेडी का विलय 2024 के लोकसभा चुनाव बाद ही क्यों होगा।

इसके आलावा, यह भी कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार की अब बिहार में राजनीति समाप्ति की ओर है। जिस तरह से वे पाला बदलते हैं, उसे देखते हुए बिहार के लोगों में उनके प्रति  भरोसा कम हुआ है। नीतीश कुमार एक कड़क मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पहचान नहीं बना पाए हैं और न ही आगामी विधानसभा चुनाव में उनका जादू ही जनता पर चलने वाला है। जनता में उनकी लोकप्रियता घटी है। यही वजह है कि नीतीश अपने वजूद को बचाये रखने के लिए
दूसरा विकल्प चुनना चाहते हैं।

वहीं, कहा जा रहा है कि जेडीयू के विलय से पार्टी से भगदड़ मचना तय है। जिसकी वजह से जेडीयू मतदाता बिखर भी सकते हैं। यही वजह है कि जेडीयू और आरजेडी के विलय को रणनीतिकार 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद आमली जामा पहनाने की तैयारी में है। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार के कुछ ऐसे भी मतदाता है जो आरजेडी को वोट करने से परहेज करते हैं। बताया जा रहा है कि इन मतदाताओं को लोकसभा चुनाव तक रोके रखने के लिए आरजेडी और जेडीयू के विलय को रोका गया है। कहा जा रहा है कि अगर लोकसभा चुनाव से पहले आरजेडी और जेडीयू का विलय होता है तो ये वोटर छिटक सकते हैं और बीजेपी को वोट कर सकते हैं। जिससे इंडिया गठबंधन को नुकसान हो सकता है। इस बात को ध्यान में रखकर आरजेडी और जेडीयू के विलय पर अभी फुलस्टॉप लगा दिया गया है।

बता दें कि, इससे पहले भी जेडीयू का आरजेडी में विलय को लेकर दावे किये गए थे। लेकिन पार्टी में विरोध की वजह से इसे रोक दिया गया था। यह कहानी तब कि जब नीतीश कुमार बीजेपी से अलग होकर आरजेडी के साथ चले गए थे। उस समय पार्टी नेताओं के विरोध के बाद इस प्लान को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। अब एक बार फिर दोनों पार्टियों के विलय की बात कही जा रही है। ऐसे में देखना होगा कि अगर जेडीयू और आरजेडी का विलय होता है तो नीतीश कुमार की राजनीति में क्या भविष्य होगा? वे किस भूमिका में दिखाई देंगे, यह देखना बड़ा मजेदार होगा?

ये भी पढ़ें      

 

“ऊपरवाला ना जाने मुझे कैसे परखता है..” पंकजा का दमदार भाषण

केंद्रीय मंत्री राणे के बड़े बेटे ने सक्रिय राजनीति से बनाई दूरी, कही ये बात  

डॉ​.​अम्बेडकर के ‘वे’ दो भाषण बार-बार पढ़ने लायक हैं…”; मोहन भागवत का बयान!

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,296फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
193,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें