दिवाली नजदीक आते ही बाज़ारों में लाइटिंग के सामान बिकने शुरू हो गए हैं। लोगों द्वारा खूब इस तरह के सामानों की खरीदारी भी की जा रही है। घरों और ऑफिस को सजाया जा रहा है। इस बीच मुंबई के एक मॉल में की गई लाइटिंग को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कुर्ला के फीनिक्स मॉल में “जश्न ए दिवाली” लिखा गया है,जिसे लाइट से सजाया गया।बोर्ड को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने कडा विरोध जताया है और “जश्न ए दिवाली” लिखे बोर्ड को हटाने को कहा है।
दरअसल, फीनिक्स मॉल को दिवाली के उपलक्ष्य में सजाया गया है। लेकिन यहां एक बोर्ड लगाया गया है। जिसमें “जश्न ए दिवाली” लिखा गया है, जो उर्दू शब्द है। जिस पर चांदीवली विभाग के मनसे नेता और प्रमुख महेंद्र भानुशाली ने इस पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि उर्दू में हिन्दू त्यौहार “जश्न ए दिवाली” लिखकर हिन्दू त्योहारों को अपमानित किया जा रहा है। मनसे नेता द्वारा “जश्न ए दिवाली” पर आपत्ति जताये जाने के बाद इस बोर्ड को हटा दिया गया है।
कुर्ला के फीनिक्स मॉल में दिवाली के अवसर पर सजाया गया है। जहां “जश्न ए दिवाली” हैशटैग लगाया गया था। जिस पर मनसे नेता महेंद्र भानुशाली ने आरोप लगाया है कि हिन्दू त्योहारों को मुस्लिम विचारधारा से जबरन जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिन्दू त्योहारों को अपमानित करने की कोशिश है। जो किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हैप्पी दिवाली के जरिए शुभकामनाएं देना समझ में आता है। लेकिन “जश्न ए दिवाली” के जरिए शुभकामनाएं देना यह समझ से परे हैं। उन्होंने सवाल किया है कि क्या अन्य धर्मों के त्योहारों को जय श्री राम से जोड़ा जाना सही होगा। जैसे दिवाली के उपलक्ष्य में “जश्न ए दिवाली” लिखा गया है।क्या इसको सही ठहराया जा सकता है।
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