हमारे पास ज्ञान है, विज्ञान के प्रमाण हैं, लेकिन हम संख्या में कम हैं। भीड़ के आधार पर सत्य और असत्य का निर्णय नहीं किया जाता। हमारा संगठन अकेले ही पूरी दुनिया में मेडिकल माफिया, ड्रग माफिया से लड़ने के लिए तैयार है। लेकिन स्वामी रामदेव कभी नहीं डरे. और कभी नहीं हारा| हम अंतिम निर्णय तक यह लड़ाई लड़ेंगे”, उन्होंने यह भी कहा। जस्टिस एहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने मंगलवार को पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की याचिका पर सुनवाई की|
इतना ही नहीं मंगलवार की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पतंजलि से जुड़े लोगों को मीडिया में अशोभनीय बयान देने से भी रोक दिया था| हम इस बहस को एलोपैथी बनाम आयुर्वेद में नहीं बदलना चाहते। पीठ ने यह भी स्पष्ट किया, ”हम फर्जी विज्ञापनों की समस्या का जवाब ढूंढना चाहते हैं। लेकिन इसके बाद भी रामदेव बाबा ने एलोपैथिक इलाज पद्धतियों की आलोचना की है|
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