उत्तराखंड के उत्तरकाशी सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को आज 12 दिन हो गए है। सरकार मजदूरों को निकालने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इस बीच खबरों के अनुसार, मजदूरों के निकालने के बाद उनके लिए सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने के लिए सारी सुविधा तैयार की गई है। बताया जा रहा है कि रेस्क्यू ऑपरेशन अब अंतिम चरण में है। इसके मद्देनजर एम्बुलेंस तैयार रखी गई है। वहीं, मौके पर एनडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया है।
एनडीआरएफ ने विशेष प्रकार का स्ट्रेचर तैयार किया: बताया जा रहा जा कि एनडीआरएफ की टीम ने मजदूरों को सुरंग से बाहर निकलने के बाद उन्हें स्ट्रेचर से एंबुलेंस में पहुंचाया जाएगा,इसके लिए एनडीआरएफ ने विशेष प्रकार का स्ट्रेचर तैयार किया, जिसमें बेरिंग और पहिया लगाया गया है। इसके जरिये से मजदूरों को खींचकर निकाला जाएगा। बताया जा रहा है कि ज्यादा समय तक सुरंग में रहने के कारण मजदूर 60 मीटर चलने की स्थिति में नहीं होंगे, इसलिए विशेष स्ट्रेचर की व्यवस्था किन गई है। इतना ही नहीं, सुरंग के पास ऑक्सीजन सिलेंडर, मास्क सहित बीपी मापने वाला उपकरण मौके पर उपलब्ध है। बताया जा रहा है कि जैसे ही पाइप मलबा को पार करेगी। एनडीआरएफ की टीम पाइप के सहारे अंदर जाएगी।
15 सदस्यों वाली डॉक्टर टीम यहां तैनात: वहीं, 12 एम्बुलेंस को तैनात किया गया है। इतना ही नहीं 15 सदस्यों वाली डॉक्टर टीम भी यहां तैनात है। जिन्हें सुरंग के बाहर तैनात किया गया है। टनल के बाहर एक अस्थायी अस्पताल में आठ बेड लगाए गए हैं। वहीं एनडीआरएफ की टीम एक विशेष प्रकार की ऑक्सीजन मास्क भी लेकर जायेगी। मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने के बाद उन्हें डॉक्टरी जांच और देखभाल के लिए चिन्यालीसौड़ अस्पताल ले जाएगा। चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक अस्पताल में 41 बेड को तैयार रखा गया है। इसके अलावा यहां डॉक्टरों की एक टीम भी तैनात की गई है।
चिन्यालीसौड़ अस्पताल पर भी हेलीकॉप्टर तैनात किया जाएगा: बताया जा रहा है कि अगर श्रमिकों को उच्च चिकित्सा की जरूरत होगी तो उन्हें दूसरे अस्पताल भी भेजा जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि आपात स्थिति के लिए सभी अस्पतालों, एम्स और ऋषिकेश को अलर्ट मोड़ में रखा गया है। इतना ही नहीं,चिन्यालीसौड़ अस्पताल पर भी हेलीकॉप्टर तैनात किया जाएगा। बता दें कि मंगलवार को विशेष कैमरे के जरिये मजदूरों की तस्वीर ली गई गई। इतना ही नहीं बचाव दल लगातार श्रमिकों से संवाद बनाये हुए है। छह इंच की पाइप के जरिये उन्हें खाना और अन्य चीजें पहुंचाई जा रही हैं।
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