एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार का 84वां जन्मदिन मनाया गया|एनसीपी अध्यक्ष ने अपने राजनीतिक करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे। हाल ही में उनके द्वारा स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विभाजन हो गया। मौजूदा उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने एनसीपी के अधिकांश विधायकों को अपने पक्ष में कर शिंदे-फडणवीस सरकार का समर्थन किया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विभाजन से महाराष्ट्र में हंगामा मच गया| इस घटना से 83 साल के शरद पवार का अगला कदम कैसा होगा? वे क्या भूमिका निभाएंगे? महाराष्ट्र समेत देश की राजनीति में उनकी क्या स्थिति होगी? ऐसे कई सवाल लोगों के मन में अवश्य उठने लगे हैं|
लेकिन पार्टी विभाजन के बाद हुई पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने इन सभी सवालों का जवाब दिया| इस समय NCP का उभरता हुआ चेहरा कौन है? ऐसा सवाल पूछे जाने पर शरद पवार ने हाथ उठाया और चेहरे पर मुस्कान लाते हुए कहा, ”शरद पवार ने अपने जवाब से पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस को चौंका दिया| ” उनके चेहरे पर आत्मविश्वास बता रहा था| पार्टी विभाजन मेरे लिए नई बात नहीं है| इस बयान से उनका जुझारूपन भी नजर आया कि उन्हें फिर से जनता के बीच आना होगा|
देश की राजनीति में शरद पवार का चेहरा भले ही आश्वस्त करने वाला लगता हो, लेकिन उनके नाम का अलग ही डंका बज रहा है| शरद पवार अगर कोई बयान देते तो हमेशा उसका उल्टा मतलब ही निकलते| विपक्ष की आलोचना है कि शरद पवार कहते कुछ हैं और करते कुछ और हैं| क्योंकि उनकी राजनीतिक रणनीति से सभी वाकिफ हैं| उन्हें राजनीति का चाणक्य कहा जाता है| शरद पवार का नाम अक्सर कुख्यात डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ जोड़ा जाता है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के आरोप, तर्क और अफवाहें फैली हुई हैं। लेकिन क्या ये आरोप वाकई सच हैं? दाऊद इब्राहिम से कैसे जुड़ा शरद पवार का नाम? आख़िर आरोप क्या हैं? हम इस लेख से ऐसे प्रश्नों की समीक्षा करेंगे।
1989 से 1996 तक का समय शरद पवार के राजनीतिक जीवन में उतार-चढ़ाव और कड़ी परीक्षा का समय था। इस दौरान शरद पवार पर कई तरह के आरोप लगे| मीडिया में भी शरद पवार चर्चा के केंद्र में रहते थे| इस दौरान शरद पवार का नाम कुख्यात डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ जुड़ा। इन आरोपों पर खुद शरद पवार ने ‘लोक मजे संगति’ किताब में विस्तार से बताया है|’लोक मजे संगति’ पुस्तक के अनुसार, शरद पवार और दाऊद के बीच संबंधों के आरोप पाकिस्तान दूतावास से उत्पन्न हुए। 1993 में जब मुंबई में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे तब शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने महज 48 घंटे में मुंबई के सारे हालात दुरुस्त कर दिए थे| इसलिए बम विस्फोट की साजिश रचने वालों में शरद पवार के प्रति गुस्सा था|
पाकिस्तान दूतावास के एक अधिकारी ने मुंबई में एक व्यक्ति को फोन करके शरद पवार को मारने का आदेश भी दिया था। इस संबंध में कॉल रिकॉर्डिंग भारतीय खुफिया एजेंसी के हाथ लगी थी। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने भी शरद पवार को अपना ख्याल रखने की सलाह दी थी|
कैसे सामने आया याकूब मेमन का कनेक्शन?: मुंबई में बम धमाकों के बाद राज्य में जांच एजेंसियां अलर्ट हो गईं। इस बीच जांच एजेंसियों ने वर्ली में पासपोर्ट ऑफिस के पास से एक मारुति वैन जब्त की थी| इस कार में कुछ संवेदनशील वस्तुएं और एक डायरी मिली। ये भी था याकूब मेमन का कनेक्शन| इसके बाद हुई छापेमारी में एक फ्लैट से आरडीएक्स का जखीरा और कुछ पासपोर्ट बरामद हुए। जब इन पासपोर्ट की प्रविष्टियों की जांच की गई, तो पता चला कि संबंधित लोगों के पाकिस्तानी कनेक्शन थे। पूरे मामले की जानकारी जुटाने के बाद शरद पवार ने सूरजकुंड में कांग्रेस के अधिवेशन में पाकिस्तान की साजिश का पर्दाफाश किया|
शरद पवार पर पाकिस्तान उच्चायुक्त के आरोप: अगले दिन सुबह पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और शरद पवार के सभी दावों को खारिज कर दिया| इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि शरद पवार के अंडरवर्ल्ड से संबंध हैं, उन्होंने ही मुंबई में सिलसिलेवार बम धमाके कराए हैं| इस घटना के बाद यह आरोप लगाया गया कि शरद पवार और दाऊद इब्राहिम के बीच वास्तविक संबंध थे।
दाऊद इब्राहिम के भाई से इंटरव्यू: इसी दौरान एक पत्रकार ने दाऊद के भाई नूरा का इंटरव्यू लिया| पाकिस्तान के उच्चायुक्त द्वारा लगाए गए आरोपों का जिक्र करते हुए, “क्या आप शरद पवार को जानते हैं?” यह सवाल संबंधित पत्रकार ने पूछा था| दाऊद के भाई ने जवाब दिया, ”हमारा जन्म मुंबई में हुआ| शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे| उन्हें कौन नहीं जानता? दाऊद के भाई के बयान के बाद शरद पवार और दाऊद के बीच रिश्ते का शक गहरा गया है| ‘दाऊद का भाई भी कहता है, शरद पवार को कौन नहीं जानता?’ विपक्ष ऐसे आरोप लगाने लगा| इस तरह शरद पवार का नाम कुख्यात डॉन दाऊद के साथ जुड़ा था, ऐसा शरद पवार ने अपनी राजनीतिक आत्मकथा में दावा किया है।
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