संजय सिंह को भारतीय कुश्ती महासंघ (भारतीय कुश्ती महासंघ) का अध्यक्ष चुना गया है। संजय सिंह कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी हैं|बृजभूषण सिंह पर कई महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगा है| इन आरोपों के बाद कई पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर 40 दिनों से ज्यादा समय तक दिल्ली में प्रदर्शन किया था| इस विरोध के बाद उन पर केस दर्ज करने के अलावा कोई और बड़ी कार्रवाई नहीं की गई| लेकिन, पहलवानों की मांग के बाद बृजभूषण कुश्ती संघ का चुनाव नहीं लड़ सके| इस बीच पहलवान इस बात से निराश हैं कि उनका ही साथी कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष बन गया है|
कुश्ती संघ के चुनाव नतीजों पर कई पहलवानों ने नाराजगी जताई है| संजय सिंह के चुनाव जीतने के बाद ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने का फैसला किया है। साक्षी के बाद पहलवान बजरंग पुनिया ने भी बड़ा फैसला लिया|बजरंग पुनिया ने अपना पद्मश्री अवॉर्ड लौटा दिया है|बजरंग ने शुक्रवार (22 दिसंबर) रात अपना मेडल दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास के बाहर फुटपाथ पर रखा और चले गए। इसी बीच अब एक और पहलवान ने पद्म पुरस्कार लौटाने का ऐलान किया है|
दिग्गज पहलवान वीरेंद्र सिंह ने पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया है| वीरेंद्र ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी घोषणा की। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, मैं अपनी बहन और हमारे देश की बेटी के सम्मान में पद्मश्री पुरस्कार लौटा दूंगा| वीरेंद्र ने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कहा,मुझे अपनी बेटी और बहन साक्षी मलिक पर गर्व है|
पहलवान वीरेंद्र सिंह ने अपने पोस्ट में महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और ओलंपिक पदक विजेता भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा दोनों को टैग किया है और उनसे इस मामले पर अपने विचार व्यक्त करने का अनुरोध किया है। वीरेंद्र सिंह ने डेफलिंपिक में तीन स्वर्ण पदक और दो रजत पदक जीते हैं। 2021 में, उन्हें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
बजरंग पूनिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि अगर हमारी महिला पहलवानों को उचित सम्मान नहीं मिलता तो मैं इस सम्मान का हकदार नहीं हूं| हमने 40 दिनों से अधिक समय तक सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद सरकार ने हमें कुछ वादे देकर आंदोलन वापस ले लिया| लेकिन, सरकार ने कोई भी वादा पूरा नहीं किया| हमारी लड़ाई सरकार के खिलाफ नहीं है| हमारी लड़ाई सिर्फ एक व्यक्ति के खिलाफ है| मुझे इस देश की न्यायपालिका पर भरोसा है. लेकिन, अब जो हो रहा है उसे देखकर मेरा अपने सिस्टम पर से भरोसा उठता जा रहा है।’
यह भी पढ़ें-
Maratha Reservation :“कब तक तुम हमें पागल बनाओगे?” अजित पवार से मनोज जरांगे का सवाल!