अपने इतिहास के सबसे बड़े वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) समेत कई स्रोतों से मदद मिली है, लेकिन इसके बावजूद देश में हालात जस के तस बने हुए हैं| महंगाई का आलम यह है कि लोगों की थाली से चिकन तो क्या, अंडा भी गायब हो रहा है| एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के लाहौर में 12 अंडों की कीमत 400 रुपये तक पहुंच गई है| पाकिस्तानी समाचार एजेंसी एआरवाई के मुताबिक, पाकिस्तान में अगले महीने चुनाव होंगे, लेकिन महंगाई की मार बरकरार है| इससे न सिर्फ देश बल्कि यहां के लोगों की भी हालत दयनीय होती जा रही है|
इसमें कहा गया कि 15 जनवरी को लाहौर में एक दर्जन अंडों की कीमत 400 पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गई थी| सिर्फ अंडे ही नहीं बल्कि प्याज भी पाकिस्तान की आंखों में आंसू ला रहा है| पाकिस्तान में प्याज की कीमतें 230 से 250 रुपये प्रति किलो हो गई हैं, जबकि सरकार ने कीमत 175 रुपये प्रति किलो तय की है|
615 रुपये प्रति किलो बिक रहा चिकन: सिर्फ अंडे और प्याज ही नहीं, पाकिस्तान में चिकन की कीमतें भी आसमान छू रही हैं और कम होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लाहौर में एक किलो चिकन की कीमत 615 रुपये है। इसके अलावा देश की जनता पर रोजमर्रा की वस्तुओं से लेकर खाने-पीने की सभी वस्तुओं पर लगातार महंगाई की मार पड़ रही है| यहां दूध 213 रुपये प्रति लीटर और चावल 328 रुपये प्रति किलो बिक रहा है| फलों की बात करें तो सेब की कीमत 273 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है, जबकि टमाटर 200 रुपये प्रति किलो बिक रहा है|
जमाखोरी खत्म करने के नोटिस का कोई असर नहीं: एआरवाई के मुताबिक, पिछले महीने देश की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) ने राष्ट्रीय मूल्य निगरानी समिति (एनपीएमसी) को मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने और जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए प्रांतीय सरकारों के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया था। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त, राजस्व और आर्थिक मामलों के मंत्री डॉ.शमशाद अख्तर थे|
वित्तीय सहायता के बावजूद मुद्रास्फीति नियंत्रण से बाहर: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पिछले कई वर्षों से भारी गिरावट का सामना कर रही है और नियंत्रण से बाहर मुद्रास्फीति ने गरीब लोगों की स्थिति विशेष रूप से दयनीय बना दी है और उनके लिए जीवित रहना मुश्किल हो गया है। दूसरी ओर, देश में नकदी संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान की यह स्थिति ऐसे समय में आई है जब आईएमएफ ने 3 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज की दो किस्तों को मंजूरी दे दी है। इसके तहत आईएमएफ ने जुलाई 2023 में 1.2 अरब डॉलर की शुरुआती किश्त जारी की थी, जबकि अब 700 मिलियन डॉलर की दूसरी किश्त को मंजूरी दे दी गई है।
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