पिछले दो सालों में महाराष्ट्र की राजनीति में कई चौकाने वाले घटनाक्रम देखने को मिले हैं| एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पार्टी के 40 से ज्यादा विधायकों को लेकर बगावत कर दी और कहा कि उनका ग्रुप ही शिवसेना पार्टी है| फिर पिछले साल एनसीपी नेता अजित पवार ने भी यही रास्ता चुना| दोनों नेताओं के दावों की पुष्टि चुनाव आयोग और फिर विधानसभा अध्यक्ष ने की|
अशोक चव्हाण ने यह भी आलोचना की कि महाराष्ट्र की राजनीतिक क्रांति विभिन्न राजनेताओं के फैसलों के कारण हुई। गुजरात में कांग्रेस कई सालों से सत्ता में नहीं है| ज़मीन पर कांग्रेस का संगठन ख़त्म हो चुका है|लगता है इसी तरह महाराष्ट्र में भी यही स्थिति पैदा हो गई है|
अशोक चव्हाण ने क्या कहा?: अशोक चव्हाण ने कांग्रेस छोड़ने के कारणों, देश के राजनीतिक हालात और भाजपा में जिम्मेदारी के बारे में विस्तार से टिप्पणी की| क्या इस बार कांग्रेस भी शिवसेना-राष्ट्रवादियों की तरह किसी गुट में आ जाएगी? इस प्रश्न का जबाव देते हुए अशोक चव्हाण ने कहा,कांग्रेस में ऐसा नहीं हो सकता|
नाना पटोले ने की वो गलती: अशोक चव्हाण ने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष पद से नाना पटोले का इस्तीफा सबसे बड़ी गलती थी| नाना पटोले के इस्तीफे के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं थी| ये चर्चा कुछ नेताओं के साथ हुई| अगर नाना पटोले ने इस्तीफा नहीं दिया होता तो शायद ठाकरे सरकार नहीं गिरती|
यह भी पढ़ें-
कांग्रेस ने सच छुपाया! 4 साल से बकाया है 135 करोड़ टैक्स, सिर्फ दिया ढाई करोड़