कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान में आम चुनाव संपन्न हुए थे लेकिन गतिरोध के कारण कोई भी पार्टी बहुमत साबित नहीं कर सकी|इसके बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच सरकार बनाने को लेकर बातचीत चल रही थी|गठबंधन पर सहमति के बाद शाहबाज शरीफ (72) को दूसरी बार प्रधानमंत्री घोषित किया गया है|336 सदस्यीय सदन में दोनों दलों के 201 सदस्य हैं।
शाहबाज शरीफ को चुनौती देने वाले उमर अयूब खान को सिर्फ 92 सदस्यों का ही समर्थन मिल सका| उमर अयूब इमरान खान की जेल में बंद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता हैं। शाहबाज शरीफ सोमवार को राष्ट्रपति निवास ऐवान-ए-सदर में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। शाहबाज़ शरीफ़ इससे पहले अप्रैल 2022 और अगस्त 2023 के बीच गठबंधन सरकार में प्रधानमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं।
पाकिस्तान के पीएम बनने की उम्मीद में पीएमएल-एन के मुखिया नवाज शरीफ बीते साल अक्तूबर में करीब चार साल बाद पाकिस्तान लौटे थे। नवाज शरीफ को उम्मीद थी कि उनकी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलेगा और वे चौथी बार देश के प्रधानमंत्री का पद संभालेंगे।
बीते माह 8 फरवरी को हुए आम चुनाव में पीएमएल-एन को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला और जेल में बंद इमरान खान की पार्टी के समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार 90 से ज्यादा सीटें जीतने में सफल रहे। वहीं पीएमएल-एन को 75 और पीपीपी को 54 सीटों पर जीत मिली। स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने पर पीएमएल-एन ने बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी पीपीपी के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाने का फैसला किया। इस गठबंधन में मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान, इस्तेहकाम -ए-पाकिस्तान पार्टी भी शामिल हैं। शरीफ पाकिस्तान के 33वें प्रधानमंत्री शपथ ग्रहण करेंगे|
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