भारत के रोजगार बाजार में उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिल रहा है, जहां 2025 में महिलाओं के लिए नौकरियों में 48% की वृद्धि दर्ज की गई है। यह जानकारी सोमवार (3 मार्च) को जारी एक रिपोर्ट में सामने आई। इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण आईटी, बीएफएसआई, मैन्युफैक्चरिंग और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों में नई तकनीकों से जुड़ी भूमिकाओं के लिए विशेष प्रतिभा की मांग में इजाफा है।
फाउंडिट (पूर्व में मॉन्स्टर एपीएसी एंड एमई) की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में महिलाओं के लिए उपलब्ध नौकरियों में से 25% फ्रेशर्स के लिए हैं, जो दर्शाता है कि शुरुआती करियर वाले पेशेवरों की मांग आईटी, एचआर और मार्केटिंग जैसे सेक्टर में तेजी से बढ़ रही है। अनुभव के आधार पर देखा जाए तो, महिलाओं के लिए 53% नौकरियां 0-3 साल के अनुभव वालों के लिए हैं, जबकि 32% नौकरियां 4-6 साल के अनुभव वालों के लिए उपलब्ध हैं।
रिपोर्ट केअनुसार आईटी/सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री महिलाओं के लिए सबसे अधिक रोजगार के अवसर (34%) प्रदान कर रही है। इसके अलावा, भर्ती/स्टाफिंग, बीएफएसआई, विज्ञापन और इवेंट मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में भी महिलाओं के लिए अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं।
फाउंडिट की वीपी-मार्केटिंग, अनुपमा भीमराजका ने कहा, “भारतीय नौकरी बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, जिससे महिलाओं के लिए अधिक अवसर सृजित हो रहे हैं, खासकर उच्च विकास दर वाले उद्योगों और टेक्नोलॉजी से जुड़ी भूमिकाओं में।”
उन्होंने यह भी बताया कि ऑफिस से काम करने की व्यवस्था में 55% की वृद्धि हुई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि नियोक्ताओं की प्राथमिकताओं में बदलाव आ रहा है। हालांकि, वेतन समानता और कार्य-शैली की प्राथमिकताओं को लेकर कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं, लेकिन 2025 में महिलाओं की कार्यबल भागीदारी को लेकर परिदृश्य बेहद सकारात्मक नजर आ रहा है।
दिलचस्प बात है की इंजीनियरिंग और प्रोडक्शन भूमिकाओं में महिलाओं की भागीदारी 6% से बढ़कर 8% हो गई है, जो उभरती टेक्नोलॉजी जैसे एआई, साइबर सिक्योरिटी, डेटा साइंस और क्लाउड कंप्यूटिंग में विशेषज्ञता की बढ़ती मांग को दर्शाता है।
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इसके अलावा, टियर-2 और टियर-3 शहरों में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। नासिक, सूरत, कोयंबटूर और जयपुर जैसे शहरों में महिलाओं के लिए नौकरियों की हिस्सेदारी 41% तक पहुंच गई है, जबकि टियर-1 शहरों में यह 59% है। सैलरी ब्रैकेट के हिसाब से, 81% महिलाएं 0-10 लाख वार्षिक वेतन वाले श्रेणी में आती हैं, जबकि 11% महिलाएं 11-25 लाख और 8% महिलाएं 25 लाख से अधिक वार्षिक वेतन कमा रही हैं।
इस रिपोर्ट के निष्कर्षों से स्पष्ट होता है कि भारत में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसरों में तेजी से विस्तार हो रहा है, जिससे उनका कार्यबल में योगदान लगातार मजबूत हो रहें है।