क्या आपने कभी सोचा है कि जब हमारा दिमाग खुद को महसूस ही नहीं कर सकता, तो हमें सिरदर्द क्यों और कैसे होता है? यह सवाल अजीब लग सकता है, लेकिन इसका जवाब बेहद दिलचस्प है।
सिरदर्द होने के कई कारण हो सकते हैं। तनाव और चिंता इसका एक बड़ा कारण हैं। जब हम ज्यादा सोचते हैं या तनाव में होते हैं, तो सिर की मांसपेशियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे दर्द महसूस होता है। नींद की कमी भी सिरदर्द का एक अहम कारण है। अगर हमें पर्याप्त आराम नहीं मिलता, तो मस्तिष्क को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और सिर में भारीपन या दर्द शुरू हो जाता है।
कई बार डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी भी सिरदर्द की वजह बनती है। जब हमारे शरीर को पर्याप्त पानी नहीं मिलता, तो रक्त प्रवाह प्रभावित होता है और सिर में दर्द शुरू हो जाता है। इसके अलावा, आंखों पर ज्यादा जोर डालने से भी सिरदर्द हो सकता है। लंबे समय तक स्क्रीन देखने, किताब पढ़ने या लगातार ध्यान केंद्रित करने से आंखों की मांसपेशियों पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे सिर में तनाव महसूस होता है।
कुछ लोगों को माइग्रेन की समस्या भी होती है, जो एक खास तरह का सिरदर्द है। माइग्रेन आमतौर पर तेज रोशनी, शोर, किसी गंध या खान-पान की आदतों से ट्रिगर हो सकता है। इसमें सिर के एक तरफ तेज दर्द महसूस होता है, जो कई घंटों या दिनों तक भी बना रह सकता है।
यह भी पढ़ें:
ट्रंप ने अमेरिकी चुनाव सुधार का दिया आदेश, भारत को बताया उदाहरण!
ट्रंप ने अमेरिकी चुनाव सुधार का दिया आदेश, भारत को बताया उदाहरण!
दरअसल, सिरदर्द का कारण खुद हमारा दिमाग नहीं होता, बल्कि सिर के आसपास मौजूद नसें, रक्त वाहिकाएं और मांसपेशियां होती हैं। हमारा दिमाग दर्द को महसूस करने वाले रिसेप्टर्स (Pain Receptors) से रहित होता है, जिसका मतलब है कि यह खुद को चोट या दर्द का अहसास नहीं कर सकता। लेकिन जब सिर की रक्त वाहिकाओं में सूजन आ जाती है, नसों पर दबाव पड़ता है या आसपास की मांसपेशियां तनाव में आ जाती हैं, तो यह दर्द का संकेत हमारे दिमाग तक पहुंचता है और हमें सिरदर्द महसूस होता है।
तो अगली बार जब आपको सिरदर्द हो, तो समझ जाइए कि यह दिमाग की नहीं, बल्कि आसपास की नसों और मांसपेशियों की प्रतिक्रिया है!