भारत की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य बीमा योजना ‘आयुष्मान भारत–प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY)’ अब आधिकारिक रूप से दुनिया की सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य योजना बन गई है। 23 सितंबर 2018 को शुरू की गई इस योजना के तहत अब तक 12 करोड़ से अधिक निम्न-आय वर्गीय परिवारों को प्रति वर्ष ₹5 लाख का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा कवच प्रदान किया जा रहा है।
28 अक्टूबर 2025 तक, सरकार ने 42 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड जारी किए हैं, जिनमें 86 लाख जेष्ठ नागरिक हैं। यह उपलब्धि भारत के सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के मिशन में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर मानी जा रही है।
AB-PMJAY के तहत लाभार्थियों को सरकारी और निजी दोनों प्रकार के अस्पतालों में कैशलेस द्वितीयक और तृतीयक उपचार की सुविधा दी जाती है। इसका उद्देश्य गरीब और वंचित तबकों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है, ताकि कोई भी परिवार इलाज के खर्च के कारण आर्थिक संकट में न फंसे।
वर्तमान में 33,000 से अधिक अस्पताल इस योजना से जुड़े हैं, जिनमें 17,685 सरकारी और 15,380 निजी अस्पताल शामिल हैं। इन अस्पतालों में हृदय, कैंसर, किडनी, ऑर्थोपेडिक और अन्य गंभीर बीमारियों का मुफ्त इलाज उपलब्ध है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2024–25 के अनुसार, आयुष्मान भारत योजना ने लाभार्थियों को ₹1.52 लाख करोड़ से अधिक की जेब से होने वाले स्वास्थ्य खर्च से बचाया है। यह दर्शाता है कि इस योजना ने गरीबी से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं को काफी हद तक कम किया है। वित्त वर्ष 2025–26 के बजट में केंद्र सरकार ने AB-PMJAY के लिए ₹9,406 करोड़ का अब तक का सबसे बड़ा आवंटन किया है।
यह योजना केंद्र और राज्य सरकारों की संयुक्त पहल है। वर्ष 2022–23 से 2024–25 के बीच राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने ₹5,000 करोड़ से अधिक खर्च कर आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को विकसित किया है। इससे शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों में समान रूप से स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है।
कैसा है आयुष्मान भारत का व्यापक ढांचा
आयुष्मान भारत–प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) केवल एक स्वास्थ्य बीमा योजना नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचा है जिसके तीन प्रमुख स्तंभ हैं: आयुष्मान आरोग्य मंदिर, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन और प्रधानमंत्री–आयुष्मान भारत स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन।
पहला स्तंभ, जिन्हें पहले हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कहा जाता था ऐसे आयुष्मान आरोग्य मंदिर (AAM) ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इन केंद्रों में गैर-संचार रोगों की पहचान और इलाज, बेसिक ईएनटी, दंत, दृष्टि, आपातकालीन तथा पालीएटिव केयर जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। सितंबर 2025 तक इन केंद्रों के माध्यम से 39 करोड़ से अधिक टेली-कंसल्टेशन किए जा चुके हैं, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह मिल पा रही है।
दूसरा स्तंभ, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) भारत में एक एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र तैयार कर रहा है। इस मिशन के तहत प्रत्येक नागरिक को एक आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA) आईडी दिया जाता है, जिसके माध्यम से उनके सभी स्वास्थ्य रिकॉर्ड डिजिटल रूप से जुड़े और सुरक्षित रहते हैं। अब तक 80 करोड़ से अधिक ABHA आईडी बनाई जा चुकी हैं और 6.7 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड्स डिजिटल रूप से लिंक किए गए हैं। यह प्रणाली स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक पारदर्शी, सुविधाजनक और मरीज-केंद्रित बना रही है।
तीसरा स्तंभ, 25 अक्टूबर 2021 को ₹64,180 करोड़ के बजट के साथ शुरू किया गया प्रधानमंत्री–आयुष्मान भारत स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (PM-ABHIM)। इस मिशन का उद्देश्य अस्पतालों और प्रयोगशालाओं की संरचना को मजबूत करना, आपातकालीन स्वास्थ्य प्रतिक्रिया तंत्र को विकसित करना और चिकित्सा अनुसंधान तथा जनस्वास्थ्य संस्थानों को प्रोत्साहित करना है। कुल बजट में से ₹54,205 करोड़ राज्यों के लिए और ₹9,340 करोड़ केंद्र सरकार के कार्यक्रमों के लिए आवंटित किए गए हैं।
यह भी पढ़ें:
दो दशकों का इंतजार हुआ खत्म; महिला विश्व कप 2025 की विजेता बनी टीम इंडिया!
दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार दूसरे दिन भी बहुत खराब!
ED: अनिल अंबानी की 3,084 करोड़ की सम्पत्तियां जब्त, मुंबई का घर भी शामिल
