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Friday, June 13, 2025
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बैंक की कर्मचारी ने उड़ाए बुजुर्गों की एफडी से करोड़ों रुपये

उसने बैंकिंग सिस्टम की खामियों का फायदा उठाते हुए खाताधारकों की जानकारी के बिना एफडी को बंद किया और ओवरड्राफ्ट सुविधा सक्रिय कर दी।

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राजस्थान के कोटा स्थित ICICI बैंक शाखा में एक महिला कर्मचारी द्वारा 4.58 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का मामला सामने आया है। यह धोखाधड़ी 41 बुजुर्ग ग्राहकों के 110 खातों से की गई, जिसमें एफडी समयपूर्व बंद करने और ओवरड्राफ्ट सुविधा का दुरुपयोग शामिल था।

आरोपी महिला कर्मचारी साक्षी गुप्ता ने वर्ष 2020 से 2023 के बीच इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया। उसने बैंकिंग सिस्टम की खामियों का फायदा उठाते हुए खाताधारकों की जानकारी के बिना एफडी को बंद किया और ओवरड्राफ्ट सुविधा सक्रिय कर दी। बाद में इन खातों से डिजिटल बैंकिंग के माध्यम से करोड़ों रुपये निकालकर अपने परिजनों के खातों में ट्रांसफर कर दिए। बताया जा रहा है कि निकाली गई राशि को साक्षी ने शेयर बाजार के ऑप्शंस और फ्यूचर ट्रेडिंग में निवेश कर गंवा दिया।

इस फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ तब हुआ जब एक बुजुर्ग ग्राहक ने अपनी एफडी की जानकारी के लिए शाखा से संपर्क किया। जांच के बाद बैंक प्रबंधन ने फरवरी 2025 में उद्योग नगर थाना में शिकायत दर्ज कराई।

घटना के बाद आईसीआईसीआई बैंक ने बयान जारी कर कहा कि सभी ग्राहकों के वास्तविक दावों का निपटान कर दिया गया है और किसी को भी वित्तीय नुकसान नहीं उठाना पड़ा है। हालांकि, इस मामले ने एक बार फिर भारत के बैंकिंग सिस्टम की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

बैंकिंग क्षेत्र के वित्तीय विशेषज्ञों और साइबर सुरक्षा विश्लेषकों ने इस मामले को बेहद चिंताजनक बताया है और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से सख्त कदम उठाने की मांग की है। विशेषज्ञों का कहना है कि आरबीआई को एफडी से जुड़े लेनदेन को सुरक्षित बनाने के लिए टोकनाइजेशन प्रणाली लागू करनी चाहिए, जिससे एफडी की जानकारी सिर्फ ग्राहक तक सीमित रहे और बैंक कर्मचारी उसका दुरुपयोग न कर सकें।

इसके अलावा, विशेषज्ञों ने यह भी सुझाव दिया कि केंद्रीय बैंक को अपने निगरानी तंत्र को और अधिक सशक्त बनाना चाहिए, ताकि इस तरह की धोखाधड़ी जल्दी पकड़ी जा सके और बैंकिंग में ग्राहकों का विश्वास बना रहे। यह मामला सिर्फ एक बैंक तक सीमित नहीं है, बल्कि संपूर्ण बैंकिंग व्यवस्था के लिए एक चेतावनी है कि कैसे आंतरिक कर्मचारी भी बैंकिंग प्रणाली को खतरे में डाल सकते हैं। RBI की अगली कार्रवाई इस दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

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