सरकारी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स की संख्या 2 लाख के पार; इस साल 44 हजार को मिली मान्यता : पीयूष गोयल

फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स (FoFS) योजना के तहत वैकल्पिक निवेश कोष (AIFs) के माध्यम से 1,350 से अधिक स्टार्टअप्स में 25,320 करोड़ रुपये से ज्यादा की पूंजी निवेश की जा चुकी है।

सरकारी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स की संख्या 2 लाख के पार; इस साल 44 हजार को मिली मान्यता : पीयूष गोयल

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भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार(12 दिसंबर) को कहा कि देश में अब सरकारी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स की संख्या 2 लाख से अधिक हो गई है। उन्होंने बताया कि केवल इस वर्ष ही 44,000 से अधिक नए स्टार्टअप्स को मान्यता दी गई, जो कि 2016 में शुरू की गई स्टार्टअप इंडिया पहल के बाद किसी एक वर्ष में सबसे अधिक है।

पीयूष गोयल ने कहा कि स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत मान्यता प्राप्त इकाइयों को आयकर में राहत सहित कई तरह की सरकारी प्रोत्साहन योजनाओं का लाभ मिलता है। उन्होंने इस उपलब्धि को भारत की उद्यमशीलता क्षमता और नवाचार संस्कृति का प्रमाण बताया।

सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक संदेश में गोयल ने कहा, “इस सफलता को और भी खास बनाता है यह तथ्य कि करीब 48 प्रतिशत स्टार्टअप्स में कम से कम एक महिला निदेशक या भागीदार है। इन स्टार्टअप्स ने अब तक 21 लाख से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा की हैं।” यह आंकड़ा देश में रोजगार सृजन में स्टार्टअप्स की बढ़ती भूमिका को रेखांकित करता है।

केंद्रीय मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स (FoFS) योजना के तहत वैकल्पिक निवेश कोष (AIFs) के माध्यम से 1,350 से अधिक स्टार्टअप्स में 25,320 करोड़ रुपये से ज्यादा की पूंजी निवेश की जा चुकी है। इसका उद्देश्य शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स को वित्तीय मजबूती देना और उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है।

इसके अलावा, क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर स्टार्टअप्स के तहत अब तक 775 करोड़ रुपये की गारंटी राशि प्रदान की जा चुकी है, जिससे स्टार्टअप्स को बिना ज्यादा जमानत के कर्ज मिल सके। वहीं, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम के अंतर्गत इन्क्यूबेटर्स के माध्यम से 3,200 से अधिक स्टार्टअप आवेदन पर 585 करोड़ रुपये से ज्यादा की मंजूरी दी गई है।

नवाचार के क्षेत्र में भी स्टार्टअप्स की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। इस वर्ष अब तक 16,400 से अधिक नए पेटेंट आवेदन स्टार्टअप्स द्वारा दाखिल किए गए हैं, जो भारत को एक मजबूत नवाचार-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने का संकेत देता है। सरकार का मानना है कि नीतिगत समर्थन, वित्तीय सहायता और अनुकूल कारोबारी माहौल के जरिए भारत आने वाले वर्षों में दुनिया के अग्रणी स्टार्टअप हब के रूप में और अधिक मजबूत स्थिति हासिल करेगा।

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