देश की प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स लिमिटेड के शेयरों में मंगलवार(14 अक्तूबर) को भारी गिरावट दर्ज की गई। कंपनी के शेयर शुरुआती कारोबार में 40 प्रतिशत टूटकर 399 रुपये पर खुला, जबकि सोमवार को इसका क्लोजिंग प्राइस 660.90 रुपये था। यह गिरावट कंपनी के कमर्शियल और पैसेंजर व्हीकल कारोबार के औपचारिक डिमर्जर (विभाजन) के बाद देखने को मिली।
बाज़ार विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट तकनीकी कारणों से हुई है और निवेशकों के पोर्टफोलियो पर वास्तविक असर नहीं पड़ेगा। दरअसल, कंपनी के दो हिस्सों में बंट जाने से शेयर की कीमतें पुनर्संतुलित हो रही हैं, जिससे यह एडजस्टमेंट फॉल दिखाई दे रहा है।
डिमर्जर के बाद टाटा मोटर्स अब दो स्वतंत्र कंपनियों में विभाजित हो गया है, Tata Motors Commercial Vehicles Ltd (TMLCV) और Tata Motors Passenger Vehicles Ltd (TMPVL)। 14 अक्टूबर 2025 की तय रिकॉर्ड डेट के अनुसार, जिन निवेशकों के पास टाटा मोटर्स के शेयर थे, उन्हें हर एक शेयर के बदले TMLCV का एक शेयर मिलेगा। मौजूदा कंपनी अब केवल पैसेंजर व्हीकल और जगुआर लैंड रोवर (JLR) के कारोबार पर फोकस करेगी और इसका नाम बदलकर Tata Motors Passenger Vehicles Ltd (TMPVL) रखा गया है।
कंपनी ने बताया है कि नए शेयर अगले 40–45 दिनों में निवेशकों के डिमैट खातों में क्रेडिट कर दिए जाएंगे। इन शेयरों की ट्रेडिंग BSE और NSE पर नियामक मंजूरी के बाद शुरू होगी। सूत्रों के मुताबिक, मिड-नवंबर तक दोनों कंपनियों के शेयर स्वतंत्र रूप से ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होंगे।
डिमर्जर के बाद अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के सभी पुराने F&O कॉन्ट्रैक्ट्स सोमवार को सेटल कर दिए गए। मंगलवार से इन कॉन्ट्रैक्ट्स के नए लॉट साइज और वैल्यू के साथ ट्रेडिंग शुरू हो गई है, ताकि मार्केट स्थिरता बनी रहे।
ब्रोकरेज हाउसों ने इस विभाजन को कंपनी के लिए एक सकारात्मक रणनीतिक कदम बताया है। SBI सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस विभाजन से दोनों व्यवसायों को बेहतर मूल्यांकन और स्पष्ट फोकस का लाभ मिलेगा। MPVL की कुल आय का करीब 87 प्रतिशत हिस्सा JLR से आता है। विश्लेषकों का अनुमान है कि डिमर्जर के बाद TMPVL के शेयर की वैल्यू 285 से 384 रुपये के बीच स्थिर हो सकती है, जो JLR की भविष्य की बिक्री और लाभ पर निर्भर करेगी।
टाटा मोटर्स का यह पुनर्गठन भारतीय कॉरपोरेट इतिहास के सबसे बड़े डिमर्जरों में से एक माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम कंपनी को फोकस्ड बिज़नेस यूनिट्स में बदल देगा और आने वाले महीनों में दोनों यूनिट्स के शेयरों की स्वतंत्र प्रदर्शन क्षमता निवेशकों के लिए नए अवसर खोलेगी।
यह भी पढ़ें:
शहबाज़ शरीफ़ की ‘चमचागीरी’ पर मेलोनी का हैरान कर देने वाला रिएक्शन
कांग्रेस-राजद में सीट बंटवारे को लेकर ठनी, राजद ने प्रत्याशियों से चुनाव चिह्न लिया वापस!
सरकारी ईमेल अब ‘स्वदेशी’ ज़ोहो प्लेटफ़ॉर्म पर, 12 लाख कर्मचारियों का डेटा हुआ ट्रांसफ़र!



