उत्तर रेलवे में व्याप्त भ्रष्टाचार पर एक और करारा प्रहार करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार (4 जुलाई) रात को सहायक मंडल अभियंता (AEN) संजीव सक्सेना और ट्रैकमैन आकाश को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपी उत्तर प्रदेश के चंदौसी (संभल) में तैनात थे और उन्हें रेलवे के एक निजी ठेकेदार से ₹34,000 की रिश्वत लेते पकड़ा गया।
सीबीआई ने इस कार्रवाई को 4 जुलाई को मिली एक ठेकेदार की शिकायत के आधार पर अंजाम दिया। शिकायतकर्ता एक निजी कंपनी चलाता है जो रेलवे के ट्रैक फिटिंग कार्य में संलग्न है। उसे 19 जनवरी 2024 को मुरादाबाद डिवीजन, उत्तर रेलवे से एक टेंडर मिला था, लेकिन कार्य पूरा होने के बावजूद ₹17,57,605 के बकाया बिलों का भुगतान नहीं हो पा रहा था। अभियंता संजीव सक्सेना ने इसके बदले में 2% कमीशन के तौर पर ₹34,000 की मांग की थी।
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सीबीआई की टीम ने रात में जाल बिछाया, और जैसे ही अभियंता और ट्रैकमैन ने रिश्वत की रकम स्वीकार की, उन्हें मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के बाद 5 जुलाई की सुबह दोनों को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया। अब उन्हें गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत (कोर्ट नं. 1) में पेश किया जाएगा।
कार्रवाई के दौरान सीबीआई टीम ने चंदौसी रेलवे स्टेशन के इंजीनियरिंग विभाग, विशेष रूप से IOW और AEN कार्यालयों में दस्तावेजों की जांच भी की। इस मामले में सीबीआई की जांच जारी है और अन्य संभावित आरोपियों की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है।
गौरतलब है कि यह पहला मामला नहीं है — अप्रैल 2025 में भी उत्तर रेलवे के दो वरिष्ठ अधिकारियों को 7 लाख रुपये रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया गया था, जहां उन्होंने एक निजी फर्म के बिलों को मंजूरी देने के बदले घूस ली थी।रेलवे विभाग में इस तरह की लगातार सामने आ रही घटनाएं यह दर्शाती हैं कि भ्रष्टाचार अब भी एक गंभीर समस्या बनी हुई है, लेकिन सीबीआई की चौकस निगरानी इसे रोकने की दिशा में अहम भूमिका निभा रही है।
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