छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गुरुवार (18 अप्रैल) को रायपुर और महासमुंद जिलों में पांच ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई 2020 से 2022 के बीच डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे उच्च पदों पर हुई नियुक्तियों में कथित गड़बड़ियों के सिलसिले में की गई।
CBI को इन छापों के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और तकनीकी साक्ष्य प्राप्त हुए हैं, जो चयन प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं की पुष्टि करते हैं। जांच एजेंसी के अनुसार, भर्ती प्रक्रिया में दलाल, पेपर सॉल्वर और ऐसे उम्मीदवार शामिल थे जिन्हें अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
इस घोटाले की शुरुआत उस वक्त हुई जब 2019 से 2022 के बीच CGPSC द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं को लेकर कई शिकायतें सामने आईं। आरोप था कि परीक्षा और इंटरव्यू में अयोग्य उम्मीदवारों की अनदेखी कर राजनीतिक और व्यक्तिगत संबंधों के आधार पर चयन किया गया। इसके बाद यह मामला राज्य सरकार की अनुशंसा पर CBI को सौंपा गया।
18 नवंबर 2024 को CBI ने तत्कालीन CGPSC अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार किया। उनके साथ रायपुर स्थित बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड के तत्कालीन निदेशक श्रवण कुमार गोयल को भी हिरासत में लिया गया। एजेंसी के अनुसार, इन पर रिश्तेदारों और संपर्कों के माध्यम से चयन प्रक्रिया में हेरफेर करने के आरोप हैं।
इसके बाद, 10 जनवरी 2025 को टामन सिंह के भतीजे और डिप्टी कलेक्टर चयनित नितेश सोनवानी, तत्कालीन डिप्टी परीक्षा नियंत्रक ललित गणवीर समेत पांच अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। 12 जनवरी को डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित शशांक गोयल, भूमिका कटियार और डिप्टी एसपी चयनित साहिल सोनवानी को भी हिरासत में लिया गया।
CBI ने 16 जनवरी 2025 को रायपुर की विशेष अदालत में इस मामले से जुड़े सात अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। एजेंसी ने बताया कि अन्य अभ्यर्थियों की भूमिका की जांच अभी भी चल रही है।
उल्लेखनीय है कि CGPSC ने वर्ष 2020 में 175 और 2021 में 171 पदों के लिए परीक्षाएं आयोजित की थीं। प्रारंभिक परीक्षा 13 फरवरी 2022 को हुई थी, जिसमें 2,565 अभ्यर्थी पास हुए। इसके बाद 26 से 29 मई 2022 तक मुख्य परीक्षा आयोजित हुई, जिसमें 509 अभ्यर्थियों ने सफलता प्राप्त की। अंतिम सूची 11 मई 2023 को जारी की गई थी।
CBI द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि इस चयन सूची में कई ऐसे अभ्यर्थी शामिल हैं, जो राजनीतिक दलों, आयोग के पूर्व अध्यक्ष और अन्य अधिकारियों के परिजन हैं। जांच अभी जारी है।
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