राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2022 के कोयंबटूर कार बम विस्फोट मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए गुरुवार को पांच और आरोपियों के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल की है। यह इस मामले में एनआईए की चौथी पूरक चार्जशीट है। इस हमले को आईएसआईएस से प्रेरित बताया गया था, जिसमें आत्मघाती हमलावर जेम्शा मुबीन की मौत हो गई थी। जांच में हमले की साजिश, फंडिंग और मकसद से जुड़ी चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं।
चार्जशीट में जिन पांच नए आरोपियों के नाम शामिल किए गए हैं, वे हैं—शेख हिदायतुल्ला, उमर फारूक, पावस रहमान, शरण मरियप्पन और अबू हनीफा। इन पर आतंकी फंडिंग से लेकर साजिश में शामिल रहने तक के आरोप लगाए गए हैं। इस नई चार्जशीट के साथ अब तक कुल 17 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है।
NIA के अनुसार, शेख हिदायतुल्ला और उमर फारूक पर आतंकवाद के लिए धन जुटाने से जुड़ी धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं। जांच में सामने आया कि इन दोनों ने 2021-22 में एक फर्जी कोविड वैक्सीन प्रमाणपत्र घोटाले को अंजाम दिया था। इस धोखाधड़ी से मिली रकम से विस्फोटक और अन्य संसाधन जुटाए गए, जो बाद में कार बम धमाके में इस्तेमाल हुए।
पावस रहमान और शरण मरियप्पन इस घोटाले की मुख्य कड़ियाँ थे, जबकि अबू हनीफा ने वित्तीय सहायता दी थी। एनआईए की जांच में यह भी सामने आया कि इन सभी ने हमले से पहले वियूर उच्च सुरक्षा जेल और सथ्यमंगलम रिजर्व फॉरेस्ट में बैठकें कर पूरी साजिश रची थी।
हमले के पीछे का मकसद अपने नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन की गिरफ्तारी का बदला लेना था, जिसे 2019 में कोयंबटूर से सलफी-जिहादी विचारधारा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। एनआईए ने यह भी पुष्टि की है कि आत्मघाती हमलावर जेम्शा मुबीन ने हमले से पहले ISIS के खलीफा अबू-अल-हसन अल-हाशिमी अल-कुरैशी के प्रति वफादारी की शपथ ली थी। उसका इरादा गैर-मुसलमानों को निशाना बनाना था।
मामले की जांच अभी जारी है, और एनआईए का कहना है कि जल्द ही और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
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