आंध्र प्रदेश के ऐतिहासिक द्राक्षारामम मंदिर परिसर में स्थित एक प्राचीन शिवलिंग के साथ तोड़फोड़ की घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया था। यह घटना मंगलवार तड़के वैकुंठ एकादशी के पावन अवसर पर सामने आई, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन हुए और सांप्रदायिक सौहार्द को लेकर चिंताएं जताई गईं। हालांकि, पुलिस की त्वरित कार्रवाई के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और हालात नियंत्रण में बताए जा रहे हैं।
पुलिस के अनुसार, इस मामले में नीलम श्रीनिवास नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जो थोटापेटा गांव का निवासी है। जिला पुलिस अधीक्षक राहुल मीना ने बताया कि कपिलेश्वर घाट के पास लगे सीसीटीवी कैमरों में घटना के समय संदिग्ध व्यक्ति की गतिविधियां रिकॉर्ड हुई थीं। जिस शिवलिंग के साथ तोड़फोड़ की गई, वह सप्त गोदावरी नहर के किनारे स्थित है और श्रद्धालुओं व तीर्थयात्रियों के बीच एक लोकप्रिय स्थल माना जाता है।
सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा के बाद पुलिस ने आरोपी की तलाश के लिए चार विशेष टीमों का गठन किया। संक्षिप्त तलाशी अभियान के बाद नीलम श्रीनिवास को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारियों का कहना है कि समय रहते की गई इस कार्रवाई से स्थिति के और बिगड़ने की आशंका टल गई।
प्रारंभिक पूछताछ में पुलिस को संकेत मिले हैं कि यह घटना किसी संगठित या सांप्रदायिक साजिश का हिस्सा नहीं थी, बल्कि व्यक्तिगत कारणों से अंजाम दी गई। जांच में सामने आया है कि आरोपी का हाल ही में एक स्थानीय मंदिर पुजारी के साथ कुछ धार्मिक अनुष्ठानों के संचालन को लेकर विवाद हुआ था। पुलिस का मानना है कि यह कृत्य उसी विवाद से उपजे गुस्से का परिणाम हो सकता है और मंदिर प्रशासन के प्रति नाराज़गी में किया गया।
पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जांच अभी जारी है और सभी संभावित पहलुओं की गहनता से पड़ताल की जा रही है। औपचारिक आरोप तय करने से पहले तथ्यों और साक्ष्यों का विश्लेषण किया जाएगा। साथ ही, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी, जिसे स्थिति सामान्य होने पर चरणबद्ध तरीके से हटाया जा रहा है।
घटना के बाद श्रद्धालुओं की भावनाओं को शांत करने और स्थल की पवित्रता बहाल करने के लिए प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने त्वरित कदम उठाए। रिपोर्ट के अनुसार, घाट पर विधिवत पूजा-अर्चना के साथ नया शिवलिंग स्थापित किया गया। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि धार्मिक आस्थाओं का सम्मान सर्वोपरि है और किसी भी तरह की अव्यवस्था को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और निगरानी को लेकर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि ऐसे स्थलों पर निगरानी और कड़ी की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
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