जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में रविवार को एक संदिग्ध लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के ओवरग्राउंड वर्कर की मौत से सनसनी फैल गई, जब वह सुरक्षा बलों की गिरफ्त से बचने के लिए वेशाव नदी में कूद गया और डूब गया। मृतक की पहचान 23 वर्षीय इम्तियाज अहमद के रूप में हुई है, जिसे हाल ही में पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इम्तियाज पर आरोप था कि उसने हाल ही में हुए पाहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों को रसद, खाना और शरण मुहैया करवाई थी।
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि इम्तियाज नदी में छलांग लगाने के बाद किनारे की ओर बढ़ने की कोशिश करता है, लेकिन लहरों में बह जाता है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, रविवार सुबह जब उसे आतंकियों के ठिकाने की निशानदेही के लिए ले जाया गया, तब उसने नदी में छलांग लगाकर भागने की कोशिश की। कुछ ही देर बाद उसका शव नदी से बरामद किया गया।
Kulgam | May 4
Imtiyaz Ahmad Magray (23), detained for aiding terrorists, tried to escape during a joint Police-Army raid and jumped into the Veshaw River. He was swept away by the current and drowned.
CCTV shows he jumped willingly. Forces shouldn't be blamed for his death. pic.twitter.com/lM8pd8rpfE— muzufar khan (@MUZUFARKHAN) May 4, 2025
इस पूरे घटनाक्रम पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा, “कुलगाम में फिर एक शव नदी से बरामद हुआ है, जिससे गंभीर संदेह उत्पन्न हो रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इम्तियाज मगराय को दो दिन पहले सेना ने उठाया था और अब उसका शव रहस्यमयी हालात में नदी से मिला है।”
Yet another body has been recovered from a river in Kulgam raising serious allegations of foul play. Local residents allege that Imtiyaz Magray was picked up by the army two days ago and now mysteriously his body has surfaced in the river.
The recent terrorist attack in Pahalgam… https://t.co/z2q3OJPa7m— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) May 4, 2025
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसारन घास के मैदान में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकियों ने विशेष रूप से गैर-मुस्लिम पर्यटकों को निशाना बनाकर गोली चलाई थी। एक स्थानीय टट्टूवाला भी हमले में मारा गया, जिसने अंतिम क्षणों तक पर्यटकों को बचाने की कोशिश की।
इम्तियाज की मौत के बाद जहां प्रशासन ने अब तक कोई विस्तृत बयान नहीं दिया है, वहीं स्थानीय लोगों और राजनीतिक दलों ने इस पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच की मांग की है। एक तरफ पुलिस इस मामले को आतंकी नेटवर्क के खिलाफ बड़ी सफलता मान रही है, तो दूसरी ओर सवाल यह भी उठ रहे हैं कि हिरासत में रहते हुए किसी संदिग्ध की इस तरह मौत कैसे हो सकती है? मामला अब सिर्फ आतंकवाद या सुरक्षा नहीं, बल्कि न्याय और पारदर्शिता का भी बन गया है।
